सातवें विश्व योग दिवस एवं सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन

सातवें विश्व योग दिवस एवं सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन


अनूपपुर/अमरकंटक

इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक जिला अनूपपुर के प्रो.आलोक श्रोत्रिय अधिष्ठाता, योग संकाय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि में योग विभाग द्वारा "The role of yoga & Traditional therapies to combat Covid-19" विषय पर आयोजित सातवें विश्व योग दिवस एवं सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला अंतर्गत द्वितीय दिवस कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों से लगभग 350 प्रतिभागी सिसको वेबैक्स, यूट्यूब एवं फेसबुक लाइव सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़े।

आज के प्रायोगिक योगाभ्यास सत्र में योग प्रशिक्षक के रूप में श्री जितेंद्र प्रताप सिंह जो जगतगुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट उत्तर प्रदेश द्वारा आज के प्रयोगिक सत्र में योगाभ्यास प्राणायाम शिथलीकरण, ध्यान आदि का बहुत ही शरल शब्दों में सावधानी लाभ हानि आदि को भी बताया।

आज के तकनीकी प्रथम सत्र में विशेषज्ञ के रूप में डॉ सत्यप्रकाश पाठक सहायक प्राध्यापक, योग विभाग हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला "Textual Survey of yogic therapy" पर व्याख्यान, आपने योग चिकित्सा का उल्लेख करते हुये देश में जितने भी योग पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयों में चलाये जा रहे है। लगभग सभी विश्वविद्यालयों में योग चिकित्सा के भी पाठ्यक्रमों का आपने बहुत ही सरल शब्दों में योग चिकित्सा की बारीकियों को बताया साथ ही अनेकों रोगों पर आसनों एवं प्राणायामों के प्रभावों को बताते आहार को बताया कि योग एवं आहार के माध्यम से मानव शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य को कैसे प्राप्त कर सकता है।

दूसरे तकनीकी सत्र में विंग कमांडर श्री एन. जे. रेड्डी, संस्थापक योग प्राण विद्या, योग प्राण विद्या आश्रम थैली, तमिलनाडु "Boosting & sustaining immunity using integrated yoga prana vidya" पर व्याख्यान आपने योग प्राण विद्या के माध्यम से मानव समाज अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढ़ा कर कायम रख सकता है। आपके द्वारा द्वारा कोविड 19 वैश्विक महामारी का उल्लेख करते हुये इस महामारी में योग प्राण विद्या के माध्यम से कैसे बचा जा सकता है। आपने प्राण विद्या की अनेक नई नई पचतियों को भी बताया । जो आज के समय में बहुत ही लाभप्रद है साथ ही अपने आहार को भी बताया महामारी के दौरान आहार कैसा होना चाहिए। साथ ही आपने अपने अनुभवों को भी सभी के बीच साझा किया।

कार्यशाला के निर्देशक प्रो. आलोक श्रोत्रिय, अधिष्ठाता योग संकाय के निर्देशन में संचालन डॉ. प्रवीण कुमार गुप्ता एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. संदीप ठाकरे योग विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोगों में प्रो. जितेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. श्याम सुंदर पाल, श्री गुरुनाथ करनालएवं विवेक नेगी थे ।



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