कार्यक्रम का समापन, बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी रही ई संस्कार वाटिका

कार्यक्रम का समापन, बच्चों के लिए अत्यंत लाभकारी रही ई संस्कार वाटिका 


अनूपपुर 

गीता परिवार, वनबंधु परिषद, अखिल भारतीय बाल व किशोरी विकास समिति, विप्र फाउंडेशन एवं भारत विकास परिषद के सहयोग से संचालित ई संस्कार वाटिका का समापन हो गया है। समापन के समय बच्चों में थोड़ी उदासी छा गई , परंतु इस संस्कार वाटिका से सीखे गए संस्कार ना सिर्फ उनको या उनके परिवार को वरन् समाज को भी नई दिशा देने में सहायक होंगे। दिनांक 16 मई से 30 मई तक चलने वाले इस ग्रीष्मकालीन ऑनलाइन कार्यक्रम में विविध देशों के ढाई लाख से भी ज्यादा बच्चे जुड़े थे ।विभिन्न देशों के बच्चों को आपस में जोड़कर, भारतीय संस्कृति के गौरव तथा महात्म़य से उनका परिचय  कराना तथा वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को फैलाना ही संस्कार वाटिका का उद्देश्य था। संस्कार वाटिका में बच्चों ने गौमाता को भोजन करवाना, जीव-जंतुओं की मदद करना ,पक्षियों के लिए दाना पानी रखना, योग के विभिन्न आसन सीखे।साथ ही उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक किया गया तथा विभिन्न वृक्षों के औषधिय गुण बताए गए। उन्हें समझाया गया कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए कितने आवश्यक है और उन्हें वृक्षारोपण के लिए भी प्रेरित किया गया। बच्चों को प्रेरक कथाओं के माध्यम से सत्य, अहिंसा और प्राणी मात्र के प्रति प्रेम की शिक्षा दी गई। साथ ही ज्ञान अर्थात शिक्षा हमारे लिए क्यों आवश्यक है यह भी समझाया गया। इस 15 दिवसीय कार्यक्रम में बच्चों को क्राफ्ट के विभिन्न सामान बनाना सिखाए गए। घर की बेकार तथा अनुपयोगी सामान को कैसे उपयोग में ला सकते हैं ,कैसे उनसे हम अपना घर संवार सकते हैं, सजा सकते हैं यह भी बताया गया ।विभिन्न प्रकार की रंगोली बनाना भी बच्चों को सिखाया गया ।इसके साथ ही प्रतिदिन  बच्चों ने जो सीखा, अंत में प्रश्नोत्तरी सत्र  के माध्यम से उसका आंकलन भी होता था। जिसमें प्रतिदिन 100 विजेताओं को पुरस्कार दिए जाते थे । इस संस्कार वाटिका में भाग लेने वाले समस्त प्रतिभागी बच्चों को प्रमाण पत्र भी दिए गए। इस संस्कार वाटिका में भारत विकास परिषद महिला तथा बाल विकास शाखा प्रमुख शब्द अधारी राठौर जी के द्वारा न सिर्फ अनूपपुर बल्कि अनूपपुर जिले के बाहर के बच्चों तथा स्कूलों को भी जोड़ा गया। संस्कार वाटिका के समापन पर बच्चों में उदासी छाने लगी तब शब्द अधारी जी द्वारा उन्हें समझाया गया कि यह उदास होने का समय नहीं है ,आपने जो कुछ सीखा उसे अपने जीवन में उतारें।अगले वर्ष  हम फिर मिलेंगे , पुनः संस्कार वाटिका का आयोजन करेंगे यह आश्वासन भी दिया गया। सभी बच्चों तथा उनके अभिभावकों ने संस्कार वाटिका को संचालित करने वाली संस्थाओं का आभार व्यक्त किया और आशा व्यक्त की गई कि नई , भावी पीढ़ी के सर्वांगीण विकास के लिए आगे भी इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

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