दलाल अधिकारियों के दम पर चल रहा हैं संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन
अधिकारियों, कांग्रेस, भाजपा के नेता, जनप्रतिनिधि के सह पर बड़ा भर्ती घोटाला
पैसा या सिफारिश लाओ तभी होगी नगर परिषद में भर्ती स्थानीय युवाओं के हक पर डाका हो गयी फर्जी भर्ती
इंट्रो- आज के समय में पैसा या पहुंच ही काम आता है इस बात को चरितार्थ कर दिए सूत्रों और हमारे संवाददाता से प्राप्त जानकारी के अनुसार नवगठित नगर परिषद बंनगवा, डूमर कछार, डोला में हुए भर्ती को लेकर यहां पर या तो पैसे के दम पर भर्ती हुए या नेताओं की सिफारिश पहुंच के दम पर भर्तियां हुई बताया तो यहां तक जाता है कि कर्मचारियों ने भी अपने रिश्तेदार दोस्त मित्रों को भी यहां पर नौकरी में रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़े ! पीछे रह गए तो वह पढ़े-लिखे युवा जो हमेशा दम भरते रहे कि हमारा कहीं भी आप इंटरव्यू ले लीजिए हम पास होकर ही नौकरी करेंगे वह युवा आज इंटरव्यू को तके ही रह गए पैसा और पहुंच वाले नौकरी पा गए फर्जी भर्ती का पूरा खेल के सूत्रधार संयुक्त संचालक कार्यालय शहडोल में बैठी उनकी टीम के माध्यम से हो गया हैं उस कार्यालय में कुछ दलाल की तरह कार्य वाले अधिकारियों के सह और सांठ गांठ कर रुपयों के दम पर पूरा खेल खेला गया और करोड़ो रूपये का वारा न्यारा किया गया ऐसे में ये अधिकारी करोड़ो के जमीन जायदाद के मालिक बन गए इनके कारण पढ़े लिखे स्थानीय लोगो के पेट पर लात मार दिया गया चंद रुपये के लिये ईमान धर्म और जमीर बेचने में थोड़ा भी नही शरमाये ये लोग जनप्रतिनिधियों को भी अपने साथ मिलाकर पूरा खेल को अपने अंजाम तक पहुँचा दिए मगर इनको ये नही मालूम कि ऊपरवाले की लाठी की मार में आवाज नही होती जब उसकी चलती हैं तो अच्छे बड़े लोगो की बाट लग जाती हैं बस थोड़ा समय का इंतजार करे। इन सब भ्रस्ट कार्यो में लिप्त अधिकारी, कर्मचारी, नेता जनप्रतिनिधि के नाम हमारे पास हैं मगर हम उनका नाम उजागर नही कर रहे है समय आने पर सारे नाम आप सभी लोगो के सामने होगा।
अनूपपुर/शहडोल
आपदा को अवसर बनाकर नगर परिषद में जिस प्रकार से भर्तियां की गई उन भर्तियों से कई सारे सवाल उठने लाजमी है जब कोरोना संक्रमण से पुरा जिला का त्राहिमाम कराह रहा था तो नवगठित नगर परिषद में पैसे और रसूख के दम पर भर्तियां चल रही थी इस भर्ती में आपदा पर अवसर सभी ने तलाशा चाहे वह सरकारी कर्मचारी रहा हो या फिर जनप्रतिनिधि सभी ने मिलकर अपने अपने हिसाब से सेटिंग नवगठित नगर परिषद में कर डाली, इस भर्ती को लेकर कहीं भी युवाओं को कानो कार खबर नहीं चली कि यहां पर नवगठित नगर परिषद के लिए भर्तियां की जा रही हैं आखिर इतने बड़े भर्ती घोटाले पर अभी तक जिम्मेदारों की चुप्पी से कई सारे सवाल उठने भी लाजमी है !
*सूची में 25 फिर कहां से आ गए और कर्मचारी*
नगर परिषद मे युवाओं ने भर्ती को लेकर विरोध किया सबसे पहले युवाओं ने कितने कर्मचारी हैं उसकी सूची मांगी विरोध को देखते हुए प्रशासन ने सूची उपलब्ध कराने के लिए सीएमओ को कहा, 23 मार्च 2021 को जो सूची उपलब्ध कराई उसमें 25 कर्मचारी के नाम अंकित है लेकिन एक बार पुनः इन कर्मचारियों की पोल जब खुल गई जब अन्य जगह के लोग आकर नगर परिषद में अपनी हाजिरी व नौकरी लगवा कर काम करने लगे बताया गया कि कर्मचारी का नाम प्रकाश कुमार तिवारी पदनाम सहायक राजस्व निरीक्षक वर्तमान पता कोतमा रोड अनूपपुर, कर्मचारी का नाम विशेष कुमार मिश्रा पता वार्ड क्रमांक 5 धनपुरी जिला शहडोल व एक अन्य के आई कार्ड के साथ नगर परिषद मे कर्मचारियों को देखा गया कुल मिलाकर जहां पर नगर परिषद को भर्तियों पर रोक लगानी थी और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ करना था, लेकिन नगर परिषद ने गुपचुप तरीके से भर्तियां पर भर्तियां करते ही गए लेकिन इन भर्तियों को लेकर स्थानीय युवाओं को कितना लाभ मिला अभी तक नगर परिषद बताने को तैयार नहीं है, गौरतलब है कि नगर परिषद के सीएमओ ने साफ तौर पर कह दिया है कि हमारे यहां किसी प्रकार से कर्मचारियों की कोई सूची नहीं है जिससे हम आपको उपलब्ध करा सके !
*स्थानीय युवाओं में आक्रोश*
जिस प्रकार से नगर परिषद बनगवां, डोला डूमरकछार में भर्ती के नाम पर मनमानी की गई स्थानीय युवाओं को अवसर नहीं दिया गया इससे स्थानीय स्तर की युवा काफी नाराज हैं उनमें आक्रोश देखा जा सकता है स्थानीय युवाओं का कहना है कि जल्द ही प्रशासन इस मुद्दे पर निर्णय लें और विकेंसी निकालकर स्थानीय युवाओं को अवसर दें अगर समय रहते स्थानीय युवाओं को प्रशासन अवसर नहीं देती तो आगे चलकर आंदोलन हो सकता है !
*कैसे बना नगर परिषद*
मध्यप्रदेश के अंतिम छोर पर बसे राजनगर, डूमर कछार एवं डोला जो कि अनूपपुर जिले का भी अंतिम छोर कहा जाता है यह जिला आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है लेकिन 2014 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा इन तीनो ग्राम पंचायतों को नगर परिषद में तब्दील करने के लिए राजनगर स्टेडियम में मंच के माध्यम से घोषणा की गई लेकिन इसके बाद कांग्रेश की सरकार आई और उन्होंने इन तीनों परिषदों को ग्राम पंचायत ही रहने का आदेश जारी कर दिया लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार केवल 15 महीने ही चल पाए इसके बाद पुनः भाजपा की सरकार मध्यप्रदेश में बनी और उनके द्वारा तीनों ग्राम पंचायतों को नगर परिषद में तब्दील कर दिया गया।
*कांग्रेस और भाजपा का बड़ा खेल*
नगर परिषद में नगर के युवाओं की भर्ती होनी थी लेकिन अनूपपुर जिले के नवगठित नगर परिषदो मे भाजपा के बड़े नेता हो या कांग्रेस के नेता सभी लोगों ने इन भर्तियों में ऐसा खेल खेला कि किसी को जरा सी भी जानकारी ना हो सकी इन तीनों नगर परिषदों में बाहरी लोगों की भर्ती कर ली गई और उन्हीं बकायदा हर महीने बिना नगर परिषद में गए हैं पेमेंट मिला यह सरकार के लिए एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करता है जब वहां के लोगो ने विरोध शुरू किया तो कांग्रेस और भाजपा के नेता जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली यहाँ तक कोतमा विधायक के संज्ञान में मामला होने के बाद भी चुप बैठने से यह पता चलता हैं कि जिन लोगो ने यह खेल खेला उसका कमीशन के तौर पर नोटो की गड्डियां और उनके करीबियों की नौकरी जरूर मिल गयी होगी। मगर आने वाले दिनों में इसका खामियाजा उन लोगो को भुगतना पड़ेगा।
*स्थानीय युवाओं को नही मिला काम*
वही इन तीनों परिषदों में 40 40 लोगों की परिषद में की भर्ती होनी थी जिसमें स्थानी युवाओं को मौका नहीं मिला जिससे तीनों परिषदों के युवाओं व स्थानीय लोगों के द्वारा इस घोटाले को लेकर एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी की जा रही है जिसे शायद मध्य प्रदेश का बड़ा घोटाला का भी नाम दिया जा रहा है आखिरकार जब इन तीनों परिषदों में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की गाइडलाइन है तो आखिर कैसे इन पदों में छत्तीसगढ़ के लोग अनूपपुर के लोग शहडोल संभाग के अलावा जबलपुर तक के लोगों की भर्ती की गई जबकि इन तीनों परिषदों में इसके पूर्व में नगर के युवाओं द्वारा आंदोलन भी किया गया था जिसके बाद को रोना और लॉक डाउनलोड लग जाने के कारण वह आंदोलन नहीं हो सका लेकिन यह भर्ती को लेकर नगर में तरह-तरह की चर्चाओं का विषय गर्म है और आने वाले दिनों में युवा और वहाँ की जनता भर्ती घोटाले के खिलाफ बड़ा आंदोलन कर सकते है।
*क्या घोटाले बाजो पर होगी कार्यवाही*
यह भर्ती में ऐसे लोगों का नाम है जो अब देखना यह होगा कि इस भर्ती घोटाले में जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करते हैं या नगर के युवा इस भर्ती घोटाले को लेकर सड़क पर आते हैं या इन तीनों परिषदों के लोग होने वाले नगर परिषद चुनाव का बहिष्कार करते हैं यह एक बड़ा सवालिया निशान इन तीनों परिषदों में खड़ा होता देखा जा रहा है और सबसे बड़ी बात इस भर्ती घोटाले में अधिकारियों की अहम भूमिका बताई जा रही है आखिरकार इस भर्ती घोटाले कि अगर निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई तो शायद यह तीनों परिषदों में चाहे वह भाजपा के दावेदार हो या कांग्रेस के दावेदार हो यह एकदम स्पष्ट हो चुका है कि इन दोनों ही पार्टी के उम्मीदवारों को वोट नहीं दिया जाएगा अब देखना यह होगा इस भर्ती घोटाले में जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्यवाही करते हैं या युवाओं को अपने हक की लड़ाई के लिए एक बार फिर सड़क पर आकर एक उग्र आंदोलन करना पड़ेगा यह बड़ा सवाल अनूपपुर जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र का है।