हमारा हाथ भ्रष्टाचारियो के साथ?, मामला घोटाले के जांच अधिकारी लाइन अटैच होने का ??
*सूची में जनप्रतिनिधि, नेता, अधिकारी, कर्मचारी के करीबी के नाम का उजागर, म.प्र, छ.ग. के अलावा अन्य राज्य के लोग भी शामिल*
अनूपपुर/राजनगर
अनूपपुर जिले की नगर परिषद में संविलियन भर्ती घोटाले में मध्यप्रदेश में एक अलग ही पहचान बनाती नजर आ रही है नगर परिषद भर्ती मामले का पर्दाफाश की परत खुलते देख तत्काल जांच अधिकारी पर गाज गिरी इनको हटाना किसी खेल या साजिश का हिस्सा लग रहा हैं इस खेल में कौन कौन शामिल हैं आज नही तो कल लोगो को पता चल ही जायेगा दूध का दूध और पानी का पानी होते ज्यादा समय नही लगेगा, इस भर्ती के तार नगर परिषद, संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एव विकास संभाग शहडोल के अधिकारी कर्मचारी, नेता जनप्रतिनिधियों के हाथ होने का पता चल रहा था मगर अब इसके अलावा जिले के आला अधिकारियों के नाम और तार जुड़ते नजर आ रहे है भ्रष्टाचारियो को भी बचाने में जुटे हुए है इस घोटाले में ऐसा क्या है जिसको सभी बचाने में लगे हुए हैं यह सवालिया निशान भाजपा की सरकार पर खड़ा होता देखा जा सकता है। अब यह मामला छोटा नही रह हाई प्रोफाइल मामला हो गया हैं अब जिले के बड़े अधिकारियों का भी हस्तक्षेप नजर आने लगा है आखिर क्यू ऐसे गुनाहगारों को खुली छूट दे रहे है कब तक चलेगा ऐसी गंदी राजनीति जिसे सफेदपोश से लेकर खाकी की भी मौजूदगी कही न कही पर्दे के पीछे नजर आ रही हैं जिसे नकारा जाना सही नही होगा पुलिस अधीक्षक महोदय के ऊपर भी लोग सवाल उठा रहे है की इतनी जल्दी क्या थी हटाने की अगर अधिकारीके खिलाफ कोई शिकायत पहले से थी तो सीएमओ का पत्र लिखते ही क्यू हटा दिया गया इसके पहले भी तो हटाया जा सकता था। मगर कही न कही साजिश की बू आ रही हैं। ये चूहे बिल्ली का खेल कब तक चलता रहेगा यह कह पाना मुश्किल ही लग रहा है एक तरफ भर्ती वाले लोग एकजुट है एक तरफ भर्ती के विरोध करने वाले लोग जीत किसकी होगी इसके लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
*ज्ञापन के बाद जांच शुरू*
आम आदमी पार्टी पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर इस भर्ती की जांच के लिए कहा गया था। जिस पर एसपी महोदय ने इस भर्ती की जांच का आदेश देकर राजनगर थाना पत्र भेजा था जिसमे थाना प्रभारी ने इस मामले की जांच एएसआई विजय सिंह को सौप दी थी। उसके बाद जाँच अधिकारी ने जांच के लिए सीएमओ से सम्पर्क करना चालू किया और भर्ती वाली लिस्ट की मांग की तो सीएमओ साहब और इस मामले में लिप्त लोगो को लगा कि अब जल्द ही इस मामले का भंडाफोड़ हो जाएगा तो सीएमओ को आगे करके एएसआई को अपने रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया और पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया गया। उसके बाद दूसरे दिन जांच अधिकारी एएसआई विजय सिंह के बारे में सोशल मीडिया में खबरे चलने लगी की इन्हें मुख्यालय में लाइन अटैच कर दिया गया है जब सूत्रों से जानकारी यह भी आ रही हैं कि जांच अधिकारी के ऊपर पहले से कई शिकायतें लंबित थी जिस कारण से उनका स्थानांतरण कर दिया गया है मगर ऐसे किसी पत्र की कॉपी अभी तक नही मिल पाई हैं। लोगो का मानना है कि भर्ती का खुलाशा होने के डर के कारण जांच अधिकारी को हटवा दिया गया हैं अब सीएमओ को किसका किसका संरक्षण प्राप्त है मामले का खुलासा होता जा रहा भगवान जाने इस भर्ती के तार कहा कहा तक जुड़े हैं।
*धीरे धीरे खुल रहा है राज*
भर्ती घोटाले का राज धीरे धीरे खुलता नजर आ रहा सूचना अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में संयुक्त संचालक ने पत्र जारी कर कहा हैं कि कोई भी संविलियन नही हुआ है और न कोई पेमेंट दी गयी हैं मगर सोशल मीडिया में संविलियन सूची जारी हुई है 59 लोगो के नाम बैंक खाता न. सहित पेमेंट भी दर्शायी गयी हैं ये सूची कहा से आ गयी अगर भर्ती नही हुई हैं तो सूची में नेताओ, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों के घर के एवं उनके करीबियों के नाम स्पष्ट देखा जा सकता हैं सूची में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यो के लोगो का भी नाम है ऐसा सूत्र लिस्ट देखकर बता रहे हैं ये तो सभी शुरुआत है राज सामने आते देर नही लगेगा।
*ये है पूरा मामला*
अनूपपुर जिले में नवगठित नगर परिषद वनगवां, डोला एवं डूमर कछार घोषणा होने के बाद तीनो नगर परिषद में हुए भर्ती की आग लगातार बढ़ती जा रही है। अनूपपुर जिले के कोयलांचल क्षेत्र से संभाग शहडोल तक आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है लोगो का कहना हैं कि इन तीनो नगर परिषदो में जो भर्ती हुई हैं वो सब गलत तरीके से फर्जी भर्ती बता रहे है इस भर्ती के खिलाफ पहले वहाँ के बेरोजगार युवकों ने मोर्चा खोला और उसके बाद कांग्रेस, शिवसेना, आम आदमी पार्टी के अलावा इंटक मजदूर यूनियन ने भी फर्जी भर्ती के खिलाफ बेरोजगार के साथ खड़े हो गए है इन मामलों को लेकर जिले के कुछ पत्रकार लगातार खबरे लगाना शुरू किए तो खबरों से बौखलाकर अधिकारी कर्मचारी और इस भर्ती में शामिल उनके परिजन और नेता पत्रकारों के ऊपर दबाब बनाने लगे कुछ को तो नवगठित नगर परिषद के सीएमओ ने प्रेस नोट जारी करते हुए ब्लैक मेलर का मेडल पत्रकारों को दे डाले पत्रकारों के ऊपर दबाब बनाने के साथ धमकी का भी सहारा लेने लगे तो पत्रकारों ने सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोलकर ज्ञापन दे डाला।
*इनका कहना ह*
विजय सिंह एएसआई का रूटीन स्थानांतरण किया गया हैं और उस मामले की जांच पुलिस कर रही हैं इनके स्थानांतरण का जांच से कोई सम्बन्ध नही है
*अभिषेक राजन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनूपपुर*
*एएसआई कि शिकायत की सत्यता जानने के लिए सीएमओ वनगवां राजेन्द्र कुशवाहा को उनके मोबाइल न. व्यस्त बता रहा था और उनका रिटर्न कॉल भी नही आया*
*मुझे लाइन अटैच वाला मामले कि कोई जानकारी नही है*
*विजय सिंह एएसआई राजनगर*