कॉलेज के प्राचार्य लापता, छात्रों से भीड़ लगवाकर बटवा रहे है कोरोना
*हिटलरशाह प्राचार्य कर्मचारियों के दम चल चलवा रहे कॉलेज, सोशल डिस्टेंस की उड़ी धज्जियां, छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़*
अनुपपुर
आए दिन किसी न किसी सुर्ख़ियों व विवादों में रहने वाले शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनुपपुर के प्राचार्य डॉ परमानंद तिवारी वैसे भी महाविद्यालय से आये -दिन किसी न किसी बहाने नदारद रहते है, और आज 9 जून को जहाँ पूरा प्रदेश बिरसा मुंडा का बलिदान दिवस बना रहा है वही तुलसी कॉलेज के प्राचार्य तिवारी खुद तो कॉलेज से गोल है पर अपने स्टाफ को आज प्रदेश शासन की घोषित व कैलेंडर में स्वीकृत अवकाश तक का आदेश जारी नही किया गया जिनकी वजह से महाविद्यालय के स्टॉफ व छात्रों के बीच आज अवकाश को लेकर संसय बना रहा । स्टाफ महा विद्यालय समय पर पहुच कर अपने स्तर का कार्य निपटाता रहा।
कॉलेज में सोशल डिस्टेंसिंग तक नहीं
तुलसी महाविद्याल से आ रही तस्वीरों में कोरोना गाइडलाइन की जबरजस्त धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, इन दिनों महाविद्यालय में परीक्षा फार्म जमा करने की प्रक्रिया चल रही है जहां पर न तो छात्रों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था बनाई जा रही है और ना ही महाविद्यालय में सैनिटाइजर की व्यवस्था छात्रों के लिए की जा रही है, जबकि महाविद्यालय में सैनिटाइजर खरीदी के नाम पर हजारों रुपए का बिल का भुगतान किया जा रहा है,
तो कैसे फैलेगी जागरूकता
तुलसी महाविद्यालय के भीड़ -भाड़ को लेकर सोशल मीडिया में वायरल हो रही तस्वीरों ने सोशल डिस्टेंसिंग पर जागरूकता की जमकर धज्जियां उड़ रही है, लोग तरह -तरह के कमेंट्स कर रहे है कि शिक्षा के इतने बड़े संस्थान में जब प्राचार्य व प्रोफ़ेसर सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ छात्रों को नहीं पढ़ा पा रहे हैं तो बाकी जगहों पर क्या कोरोना भगाने के लिए चलाए जा रहे जन -जागरूकता की क्या स्थिति होगी।
*मुख्यालय में नही रहते प्राचार्य*
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तुलसी महाविद्यालय के प्राचार्य परमानंद तिवारी मुख्यालय में निवास नही करते ये उमरिया से आना जाना करते है जिसके कारण कई कार्यदिवस में लापता रहते हैं कॉलेज के कर्मचारियों को काम सौपकर गायब हो जाते है इनके हिटलरशाही के कारण कर्मचारियों पर इनका दबदबा हमेशा बना कर रखते है जो कर्मचारी बात नही सुनता उसे कॉलेज से बाहर निकलवाने की धमकी देते हैं।
*कॉलेज को तबेला बनाने में तुले*
प्राचार्य की मनमानी चरम पर हैं सूत्र बताते हैं कि इनसे अगर कोई सवाल कर दे तो कहते है कि मैं कुछ दिनों में सेवामुक्त हो जाऊंगा मेरा कोई कुछ भी नही बिगाड सकता। जब मेरा इतने दिनों में कुछ नही कर पाए तो अब कोई कुछ नही कर पायेगा महाविद्यालय को जानवरों का तबेला बनाकर रखे हैं लगता ही नही कि ये शिक्षा का मंदिर कॉलेज हैं कोई आ रहा है कोई जा रहा है किसी से कोई मतलब नही ये अपने आप मे अपने चेम्बर में बैठकर हिटलरशाही आदेश भर देते रहते है कॉलेज में होने वाले क्रिया कलापो से इनका कोई सरोकार नही रहता बस ये दादागिरी करना हाथ पैर चलाना जानते है।
*इनका कहना हैं*
कॉलेज में छुट्टी नही है 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करना है इसलिए मैं आज कॉलेज नही गया हम कॉलेज में लाउड स्पीकर से बुलवा के सभी को बता दिया गया है कि सोशल डिस्टेंस का पालन करें मगर लोग मानते ही नही अनूपपुर को दिल्ली मुंबई बना दिये है 8 जून से 15 जून तक फार्म का समय हैं इसलिए भीड़ होगी मैं सभी दिखवाता हूँ।
*परमानंद तिवारी प्राचार्य तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर*