अधिकारी बोल रहे हैं काला, पीला, सफेद झूठ आखिर किसके दबाव में पलट रहे बयान?

अधिकारी बोल रहे हैं काला, पीला, सफेद झूठ आखिर किसके दबाव में पलट रहे बयान?

अनूपपुर/राजनगर 

अनूपपुर जिले की नवगठित तीनों नगर परिषद में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा 2016 में शहडोल लोकसभा के उपचुनाव में राजनगर स्टेडियम में मंच के माध्यम से तीनों ग्राम पंचायतों को पृथक पृथक नगर परिषद बनाने की घोषणा की गई थी जिसके बाद 2018 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई और वे इन नगर परिषदों को पूनः ग्राम पंचायत में तब्दील करने की घोषणा कर दी लेकिन कांग्रेस की सरकार मुश्किल से 15 महीने ही चल पाई उसके बाद मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और माननीय चौहान जी के द्वारा तत्काल अपने पुराने आदेश को ध्यान में रखते हुए नगर परिषद का दर्जा इन तीनों परिषदों को दे दिए और उसके बाद यहां शासन की गाइड लाइन के अनुसार जिला चयन समिति का गठन किया गया जिसमें पुराने कर्मचारियों के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार देना था।

*सरपंच सचिव द्वारा अपने चहेतों का संविलियन में दिया गया नाम*

तीनों ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिवो के द्वारा अपने चहेतों का नाम जिला चयन समिति की बैठक वर्ष 2020 में की गई जिसमें 4-6 स्थानीय लोगों का नाम और बाकी बाहरी लोगों का नाम संविलियन की सूची में डालकर जेडी कार्यालय शहडोल को भेज दिया गया जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों को मार्च 2021 में हुई जिस पर तीनों नगर परिषद के लोगों के द्वारा इसका विरोध भी किया गया और जिसके बाद तीनों परिषदों के युवाओं के द्वारा सीएम हेल्पलाइन में अब तक लगभग 25 शिकायतें भी की जा चुकी है और लिखित शिकायतें भी कलेक्टर महोदय जेडी कार्यालय को की जा चुकी है लेकिन 3 माह बीत जाने के बाद भी अब तक किसी प्रकार से कोई कार्यवाही न करना कहीं ना कहीं अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़ा करता है।

*आखिर किनके कहने पर बनगवां प्रशासक ने बदले बयान*

आपने काला, सफेद झूठ तो सुने होंगे मगर अब अधिकारी पीला झूठ भी बोलने की कला सीख गए है


विगत 2 दिनों पहले नगर परिषद बनगवां के प्रशासक विजय डेहरिया जी से जब बात की गई तो उनके द्वारा ही बताया गया था की जिला चयन समिति की बैठक में मैं व दीपक तिवारी एवं संदीप सिंह के साथ ही अन्य लोग उपस्थित थे लेकिन पता नहीं अब उनके द्वारा दिया गया बयान क्यों पलटा जा रहा है यह वही लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं इस संविलियन में अधिकारी की चुप्पी में बड़ा झोल नही बहुत बड़ा झाल हैं वही इस संबंध में अन्य कई लोगों से बात की गई थी जिनके द्वारा इस बारे में बताया गया था आखिर अपने ही बयान से 2 दिनों बाद पलटना यह साफ दर्शाता है कि अधिकारी भी कहीं ना कहीं किसी के दबाव में आकर ऐसा बयान दे रहे हैं हालांकि माजरा अब चाहे जो भी हो स्थानीय युवा इस संविलियन का कड़ा विरोध करने की पूरी तैयारी कर चुके हैं अब देखना यह होगा कि इसका विरोध संगठन के कौन-कौन लोग करते हैं।

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