किसका संरक्षण, सचिव बना नेता भाजपा पर पड़ रहा भारी, अनसुलझी कहानी
अनूपपुर
जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पंचायत बरगवां सचिव इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं व जनप्रतिनिधियों के लिए बन गया नासूर। ज्ञात हो कि विगत एक वर्षों के सरपंच और पंच के कार्यकाल समाप्ति के बाद उनके पदों में बढ़ोतरी होने के बाद समय का लाभ ग्राम प्रधान व पंचायत राज अधिनियम के तहत पंच गणों की शक्तियों को शिथिल करते हुए पंचायती राज व्यवस्था को अस्त-व्यस्त कर दिया गया जिसका लाभ ग्राम सचिव जमकर उठा रहे वर्षों से ना हो रहे ग्राम सभा ग्राम प्रस्ताव निर्माण कार्यों की स्वीकृति व पंचायत का दखल सचिवों के कमाई दिन दूनी रात चौगुनी कर दी है ग्राम प्रधान व पंचों का किसी निर्माण कार्य स्वीकृति में हस्तक्षेप ना होने से हौसले बुलंदी पर है।
सचिव की कारगुजारी ओं वा दादागिरी पूर्ण कार्य से को लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं को मुंह की खानी पड़ रही है।सचिव इस कदर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर मशगूल है,की ऐसे समय का जमकर उपयोग करते हुए व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार करने में जुटा हुआ है।किंतु स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि सचिव के कारनामों व कारगुजारीओ से त्रस्त हो चुके बार-बार की जा रही शिकायतों के बावजूद हटने का नाम नहीं ले रहा सचिव। सूत्रों की माने तो बताया जाता है कि सचिव ग्राम पंचायत मंत्री जी के किसी खास जिला नेता के संरक्षण में भ्रष्टाचार की इबारत लिख रहा है जिसके कारण ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के द्वारा की जा रही शिकायतें ठंडे बस्ते पर पड़ी हुई है, बदलाव की बयार में बह गए भाजपा के स्थानीय नेता मंत्री जी के खासम खास कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए लोगों के द्वारा सचिव को लूट के लिए खुली छूट दे दी गई है।
कारण स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के नेता व जनप्रतिनिधि के लिए सचिव का स्थानांतरण व जांच मील का पत्थर साबित हो रहा है।
इन दिनों अनूपपुर भाजपा संगठन मैं भाजपा जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं की अनदेखी के कारण जनसमस्याओं को लेकर अनसुनी व अनसुलझी कहानियां घर कर गई है।जिसके कारण गले तक अनियमितताओं में डूबे जन कल्याणकारी योजनाओं में व्यापक तौर पर निर्माण कार्य में मची लूट को लेकर सचिव की शिकायतों के बावजूद कारवाई ना होना स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं व जनप्रतिनिधियों में रोष कलह व्याप्त है।