भाजपा पार्टी की धौस दिखाकर कर रहा अवैध निर्माण, हुई कार्यवाही
अनूपपुर/राजनगर
अनूपपुर जिले के अंतिम छोर राजनगर कालरी के तथाकथित भाजपा नेता का तमगा ओढ़कर तथाकथित भाजपा नेता द्वारा एसईसीएल की जमीन पर अवैध बाउंड्री का निर्माण कराया जा रहा था जिसकी शिकायत होने के बाद एसईसीएल प्रबंधन के साथ-साथ राजस्व एवं पुलिस विभाग ने मौके पर पहुंचकर उक्त अवैध निर्माण को गिरा दिया।
गौरतलब हो कि कुछ महीने पूर्व तथाकथित भाजपा नेता द्वारा संगठन का धौंस दिखाते हुए मुख्य सड़क से लगे हुए जमीन पर कब्जा कर मकान बनाया गया था,जिसमें दो पहिया वाहन का शोरूम संचालित किया जा रहा हैं और फिर पुनः उसी मकान के पीछे बाउंड्री का निर्माण कराया जा रहा था जो अवैध निर्माण होने के साथ-साथ अति संवेदनशील भी माना जा रहा है जो मैगजीन से कुछ ही दूरी पर है,जिसको देखते हुए कालरी प्रबंधन ने उक्त अवैध निर्माण को ध्वस्त करा दिया।
सूत्र बताते हैं कि उक्त नेता द्वारा बैंक अधिकारियों को गुमराह कर राजनगर बैंक से बिजुरी में होम लोन के नाम पर बैंक से लोन निकलवाया गया जिसमें आवासीय परिसर ना बनाकर व्यवसायिक उपयोग के लिए दुकान बनाया गया,बिजुरी में भी दो पहिया वाहन का शोरूम संचालित किया जा रहा है, इस तरह राजनगर के तथाकथित भाजपा नेता का तमगा ओढ़कर उक्त भाजपा नेता द्वारा पहले राजनगर में एसईसीएल की जमीन पर अवैध निर्माण कराया जा रहा था वंही दूसरी तरफ बिजुरी नगर पंचायत क्षेत्र में भी राजस्व की चोरी की जा रही है। जिसकी शिकायत होने के बाद आज एसईसीएल प्रबंधन के साथ-साथ राजस्व एवं पुलिस विभाग ने पहुंचकर उक्त अवैध निर्माण को गिरा दिया।
सूत्र ये भी बताते है कि उक्त नेता के द्वारा बैंक अधिकारियों को गुमराह कर बिजुरी में भी गोलमाल किया गया है,तरह उक्त नेता द्वारा अवैध निर्माण के साथ साथ शासन की टैक्स चोरी भी की जा रही है जिसमें देखना यह होगा कि क्या शासन के खिलाफ टैक्स चोरी के मामले में एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ पेनाल्टी सहित टैक्स की वसूली नगर पालिका बिजुरी के द्वारा किया जाएगा या फिर पूरे मामले में लीपापोती कर के मामले को रफा-दफा कर दिया जाएगा।
प्रबंधन आंख का अंधा और कान का बहरा हो गया हैं न तो अच्छे से दिखाई देता हैं न सुनाई राजनगर कोयलांचल क्षेत्र में ये पहला अवैध कब्जा नही था और भी सैकड़ो कब्जे दबंग लोग करके बैठे हैं जिसकी जानकारी प्रबंधन को हैं मगर उन लोगो के ऊपर कार्यवाही क्यू नही हो पा रही हैं क्या एक अकेला नेता पर कार्यवाही करके अपनी पीठ क्यू थपथपा रही है यह भी हो सकता हैं कि उन अवैध कब्जों को प्रबंधन को खाली कराने की हिम्मत नही पढ़ रही हैं ये मुकदेखा अतिक्रमण खाली कराना कहा तक न्यायोचित हैं हो सकता ये ये कब्जेधारी प्रबंधन के करीबी भी हो सकते है।