आज प्रशासन के नाक के नीचे फर्जी व्यापारियों, मृतकों के साथ बैठक करेंगे मंत्री जी

आज प्रशासन के नाक के नीचे फर्जी व्यापारियों, मृतकों के साथ बैठक करेंगे मंत्री जी


*फर्जी व्यापारियों की लिस्ट किसने बनाई जो मंत्री जी के साथ बैठक में शामिल होंगे*

*प्रशासन के आदेश और लिस्ट से मचा बवाल व्यापारियों की वैधानिकता पर सवाल*

अनूपपुर  

आज जो खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिह के साथ जो व्यापारियों की बैठक होनी है उस लिस्ट में कमला खंडेलवाल जो कि किराना फुटकर और थोक के व्यापारी थे जिनकी दुकान स्टेशन चौक के पास स्थित हैं अब वह दुकान उनका बेटा जितेंद्र खंडेलवाल चला रहे हैं कमला खंडेलवाल कई वर्ष पहले परलोक सिधार गए है उनका नाम भी व्यापारियों की लिस्ट में मंत्री जी के साथ मीटिंग में दर्ज हैं अब पता ये करना हैं कि प्रशासन उनको परलोक से लाने के लिए कौन सा विमान भेजने वाली हैं आनन फानन में लिस्ट बनाना और मीटिंग की रूपरेखा तैयार करना व्यापारी संघ को लिस्ट देखकर यह बात हजम नहीं हो रही होगी मगर प्रशासन के खिलाफ कोई भी बोलने को तैयार नही है प्रशासन पहले यह तय कर ले कि व्यापारी हैं कौन सही के व्यापारी या एडवोकेट, ठेकेदार, नेता या अन्य उल्टे सीधे काम करने वाले लोग।

म प्र शासन के मंत्री बिसाहूलाल सिंह को आखिर कौन धोखा दे रहा है ? उनके भाजपा में आने के बाद उनके आसपास कुछ ऐसे लोगों का जमावडा है जो उनके आंख - कान बनने का दावा जनता के बीच करते हुए अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। इन सब से कुछ स्वार्थी तत्वों का भला तो हो रहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी का मूल संगठन हासिये पर जा रहा है। 17 जून को बिसाहूलाल सिंह जिला व्यापारी संघ के पदाधिकारियो की बैठक लेने जा रहे हैं। जबकि जिला व्यापारी संघ के पदाधिकारियो, उसकी वैधानिकता पर ही सवाल उठ खडे हुए हैं। 

   उप चुनाव से ठीक पूर्व स्वेच्छानुदान राशि के बंदरबांट का मामला लोग भूले नहीं है। अब ऐसे ही एक नये मामले में मंत्री के आंखों में धूल झोंकने की साजिश रची गयी है।

 16 जून को अपर कलेक्टर एवं अतिरिक्त दण्डाधिकारी द्वारा एक पत्र जारी कर आदेशित किया गया कि म प्र शासन के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह 17 जून, गुरुवार को कलेक्ट्रेट में जिला व्यापारी संघ के पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों की बैठक लेगें।

जिला व्यापारी संघ के पदाधिकारियो के नाम की जो सूची संलग्न की गयी है उसमे आधे से अधिक कांग्रेस के सदस्य, नेता,  ठेकेदारों के नाम हैं। सूची में दर्ज अधिकांश नामों का व्यापारी संघ से कोई लेना देना तक नहीं है। बाहर आते ही नगर में चर्चा गरमा गयी है कि जिला प्रशासन के माध्यम से मंत्री की आंख में कौन धूल झोंक रहा है?  नगर के लोगों ने मांग की है कि कलेक्टर सुश्री सोनिया मीणा को जिला व्यापारी संघ की वैधानिकता की जांच  जरुर करवाना चाहिए । यह भी जांच का विषय है कि कुछ सच्चे व्यापारियों के बीच नकली व्यापारियों के नाम किसने जुडवाए। सूची में शामिल बहुत से लोगों को तो इसका पता तक नहीं है कि वो अधिवक्ता, पत्रकार, किसान, ठेकेदार , नेता से व्यापारी कब बन गये ?

*इस पूरे मामले की जानकारी के लिए जब हमने अपर कलेक्टर सरोधन सिंह से बात करना चाहे तो उनका मोबाइल रिसीव नही हुआ*

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