अपने आप मे मस्त, काम के न काज के मंत्री, सांसद, विधायक

अपने आप मे मस्त, काम के न काज के मंत्री, सांसद, विधायक


 

*आस की निगाह पर युवा देख रहे जनप्रतिनिधियों की राह,बनाई जनता से दूरियां*

इंट्रो:-जनता के द्वारा चुना गया जनप्रतिनिधि जब जनता के काम न आए तो यह आवाज उठना लाजमी है कि किस काम के जनप्रतिनिधि जो जनता के हित में आवाज ना उठाएं कुछ ऐसा ही मामला अनूपपुर जिले के नवगठित नगर परिषद डोला डूमरकछार, बंनगवा में हुए भर्ती घोटाले को लेकर अब युवाओं के द्वारा कही जा रही है की हमने तो बड़ी शिद्दत से जनप्रतिनिधि चुना था और आज वह जनप्रतिनिधि हमारे साथ कहीं खड़े दिखाई नहीं दे रहे बात सत्य भी है यहां नगर परिषद में युवाओं के साथ बड़ा छलावा हुआ चोरी-छिपे भर्तियां हुई बाहरी लोगों को नौकरी में रखा गया लेकिन छले गए तो स्थानीय युवा अब स्थानीय युवाओं का तो कहना है कि हमारे कोई काम के नहीं मंत्री ,सांसद और विधायक।

अनूपपुर

मध्य प्रदेश का अनूपपुर जिला छत्तीसगढ़ सीमा से लगा हुआ है साथ ही आदिवासी बहुमूल्य क्षेत्र भी हैं इस छोटे से जिले में बड़े बड़े कारनामे होते हैं, इस छोटे से जिले में केंद्र तक में मंत्री  दिए हैं लेकिन जब स्थानीय मुद्दों की बात आती है तो यह जनप्रतिनिधि कहा गायब हो जाते हैं, लोग हैं ढूंढते फिरते हैं कि आइए हमारे साथ कंधे पर कंधा मिलाकर हमारा साथ दीजिए लेकिन यह जनप्रतिनिधि कहां गायब हो जाते हैं भगवान ही जाने चुनाव के समय यही जनप्रतिनिधि प्रत्येक व्यक्ति के पैर पड़ते देखे जा सकते हैं जैसे ही इन्हें गद्दी मिलती है तो वही कहावत यहां पर चरितार्थ होती है अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता अब युवा भी अब समझने लगे हैं कि राजनेता तो खाली वोट के लिए ही होते हैं जूझना तो जनता को ही पड़ता है ! दरअसल स्थानीय युवाओं को मौका ना देते हुए बाहरी लोगों को नवगठित नगर परिषद में नौकरी पर रख लिया गया युवाओं ने आंदोलन किया नतीजा कुछ ना निकला अब युवा जनप्रतिनिधि की राह तक रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधियों युवाओं के साथ खड़े मिले तब।

*छले गए स्थानीय युवा आदिवासी......*

अनूपपुर जिला आदिवासियों से भरा पड़ा हुआ है यहां पर केबिनेट मंत्री भी आदिवासी हैं साथ ही सांसद भी लेकिन यहां पर मंत्री और सांसद ने नगर परिषद में हुए युवा आदिवासियों के साथ छलावा पर कहीं भी आवाज उठाने की जहमत नहीं उठाई ऐसा नहीं कि इनके सांसद प्रतिनिधि इस नगर परिषद में न हो मंत्री जी के कई कार्यकर्ता इस परिषद में निवास करते हैं लेकिन इन दोनों ने यहां के युवाओं को नजरअंदाज करते हुए अपने काम में मस्त नजर आए और युवा भी करे तो करे क्या छोटे-छोटे भाजपा के कार्यकर्ता और छोटे-छोटे कांग्रेस के कार्यकर्ता आंदोलन का रूप देने में लगे हैं,  कोई ज्ञापन सौंप रहा है तो कोई आंदोलन की तैयारी लेकिन बाह रे जनप्रतिनिधि वोट के समय तो ऐसे व्यवहार इन युवाओं के साथ करते हैं मानो कल ही  नौकरी मिल जाएगी लेकिन जब नौकरी की बारी आती है तो सब सिस्टम और सेटिंग से हो चलता है और इन जनप्रतिनिधियों का कहीं पता नहीं होता।

*विपक्ष के विधायक की चुप्पी क्यों.....*

 जब हम बात जनप्रतिनिधि कर ही रहे हैं तो बात कर ही लेते हैं कोतमा विधानसभा क्षेत्र  के विधायक सुनील सराफ की यह माननीय कहीं भी विधानसभा में किसी के यहां गमी हो जाए दुख सुख में हमेशा आपको खड़े मिलेंगे कोई भी कार्यक्रम इनसे छूटता नहीं किसी की परेशानी इन विधायक महोदय से देखी नहीं जाती जब इतनी अच्छाई इन विधायक में है ही तो यह विधायक इतने बड़े भर्ती घोटाले में अपनी चुप्पी साधे क्यों बैठे हैं ! नवगठित नगर परिषद की युवा यह सवाल कहीं ना कहीं अपने विधायक से पूछ रहे विधायक जी का कहीं पता नहीं जबकि विपक्ष में रहते हुए विधायक जी को चाहिए कि इन युवाओं की आवाज बनते हुए  भर्ती घोटाले पर अपनी आवाज मुखर करते हुए स्थानीय युवाओं को रोजगार मुहैया कराएं लेकिन पता नहीं कौन सी बात है यह कौन सी समस्या जो विधायक जी के मुंह से एक शब्द भर्ती घोटाले पर नहीं निकल रहा है ! जबकि चुनाव के दरमियान नवगठित नगर परिषद के युवाओं ने बढ़ चढ़कर कांग्रेस विधायक सुनील सराफ  के पक्ष में काफी मतदान किए थे अब वह समय है विधायक इन युवाओं के साथ कंधे पर कंधा मिलाकर उस हर वोट का कर्ज उतारे जो यह कह कर इन युवाओं से वोट लिए थे हम आपके साथ खड़े हैं कहीं भी गलत होगा तो सब जगह खड़े मिलेंगे लेकिन असल में कहानी कुछ और ही है।

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget