झोलाछाप डॉक्टर पीपीई किट पहन कर लोगो की जान से कर रहे खिलवाड़, प्रशासन अंजान

झोलाछाप डॉक्टर पीपीई किट पहन कर लोगो की जान से कर रहे खिलवाड़, प्रशासन अंजान 


 भालूमाडॉ में दफाई नंबर 3 अमन चौक गोल बाजार न्यू पीली दफाई हनुमान दफाई मैं खुली है झोलाछाप डॉक्टरों की दुकान

अनूपपुर/भालूमाड़ा

पूरे देश भर में कोरोना महामारी का दौर चल रहा है ऐसे में ईश्वर को मानने वाले लोग आज डॉक्टर को ईश्वर का दूसरा रूप मानने लगे हैं लेकिन डॉक्टर के इस सेवा में जगह जगह फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों ने तो अति कर दिया है लेकिन इन पर ना कोई रोक है ना कोई अंकुश और यह झोलाछाप डॉक्टर वर्षों से आम जनता को इलाज के नाम पर लूटते और चूसते आए हैं यहां तक कि मरीजों को मौत के घाट भी उतार चुके हैं लेकिन इन झोलाछाप डॉक्टरों पर स्थानीय प्रशासन स्वास्थ्य अमला इन्हें पूरी छूट दे कर रखा है।

     थाना भालूमाडॉ क्षेत्र में ही कम से कम 15 से 20 झोलाछाप डॉक्टर वर्षों से यहां पर अपनी अपनी दुकान खोल कर लोगों का इलाज कर रहे हैं।

हद तो तब हो गई जब एक झोलाछाप डॉक्टर पीपीई किट पहनकर अपने साथ एक अटेंडर लेकर पूरे नगर में घूम-घूम कर लोगों का इलाज कर रहा है वह भी उस समय जब पूरे क्षेत्र में कोरोना महामारी का दौर अत्यंत गंभीर स्थिति में चल रहा है पसान नगर पालिका क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र माना गया जहां शासन ने लाक डाउन को 15 दिनों के लिए और बढ़ा दिया है लेकिन शासन प्रशासन को इन झोलाछाप डॉक्टरों की जानकारी शायद नहीं है तभी तो यह लोग साल दो साल नहीं बल्कि 10 साल से कोई जमुना में कोई भालूमाडॉ में, कोई गांव में कोई गोविंदा में सब जगह इनकी दुकानें निरंतर चलती आ रही हैं। 

पसान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर ना होने का नतीजा भुगत रही है जनता कहने को तो जिले के विधायक मंत्री के द्वारा पिछले वर्ष जनवरी में पसान नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 9 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन बड़े ही जोर शोर से किया गया था लेकिन चंद महीनों बाद ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ना डॉक्टर बचा न स्वास्थ्य सुविधाएं बची ना दवाइयां बची अगर कुछ बचा है तो केवल भवन और भवन में लगे ताले और यही कारण है कि पसान क्षेत्र की जनता अपने इलाज के लिए आज इन झोलाछाप डॉक्टरों के सामने अपनी जिंदगी दांव पर लगाने को विवश हैं,पसान नगर पालिका के आसपास शासकीय अस्पताल परासी है जो लगभग 7से 8 किलोमीटर दूर है,दूसरा हॉस्पिटल कोतमा है जो लगभग 10 से 12 किलोमीटर है ऐसी स्थिति में क्षेत्र की गरीब जनता असहाय बुजुर्ग इलाज के लिए कहां जाएं, सर्दी बुखार खांसी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए यह लोग मेडिकल स्टोर से दवाई लेते हैं वहां पर भी अब दवाइयां उन्हें नहीं मिलती कहा जाता है कि डॉक्टर से लिखवा कर लाओ तब यह लोग इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाते हैं और उन्हें फीस देकर दवाइयां लिखवाते हैं और फिर बाजार से दवाइयां खरीदते हैं अब उस दवाई से उनका इलाज होगा या वे और गंभीर बीमारी से ग्रसित होंगे यह तो वही जाने और यही कारण रहा है कि पसान क्षेत्र में ही लगभग 10 से 12 मौतें ऐसी हुई हैं जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है

     इन झोलाछाप डॉक्टरों की हिम्मत तो देखिए खुलेआम सड़कों पर पीपी किट पहनकर लोगों के घर-घर जाकर यह इलाज कर रहे हैं इनके घर घर जाकर इलाज करने से मरीज का क्या होगा यह तो वही जाने लेकिन इतना तो जरूर है कि यह डॉक्टर पूरे क्षेत्र में कोरोना महामारी को फैलाने का काम कर रहे हैं और जब उनसे पूछा गया कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा हम डॉक्टर हैं हमारे पास डिग्री है हमें तो पूरा क्षेत्र जानता है और हमको अधिकारियों ने कहा है कि आप जाइए लोगों के इलाज के लिए और यदि कोई गंभीर बात हो तो उन्हें जिला अस्पताल भेजिए ,इतना ही नहीं इन झोलाछाप डॉक्टर का कहना है कि हमें तो मीटिंग में भी बुलाया गया था और यही बात बताई गई थी अब पता नहीं कौन अधिकारी ने इन्हें कहा है और कौन नहीं, वैसे इस डॉक्टर का नाम  केपी विश्वास है,जिन का निवास भालूमाडॉ वार्ड क्रमांक 13 संतोषी दफाई में है सबसे पहले इनकी दुकान वार्ड क्रमांक 14 में थी जहां पर इनके इलाज के दौरान एक व्यक्ति की मौत के बाद काफी हंगामा खड़ा हुआ और तब इन्होंने वह जगह छोड़ दी और उसके बाद यह गोविंदा में जाकर दुकान खोल लिए और अब यह गोविंदा के साथ-साथ जमुना भालूमाडॉ निगवानी आसपास के ग्रामीण अंचलों में पीपी किट पहनकर लोगों का इलाज कर रहे हैं और लोगों को लगता है कि पीपीई किट पहने हुए डॉक्टर ही भगवान है क्या, स्वास्थ्य विभाग को इस बात की जानकारी नहीं है या जान कर भी अंजान बने हुए हैं।

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