कल से नहीं चला पाएंगे Facebook और Twitter! अभी पढ़े पूरा मामला
भारत में पैर जमा चुकी कई बड़ी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के संचालन पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। दरअसल कई नामी और करोड़ों उपभोक्ताओं वाली कंपनियों ने अब तक भारत सरकार की सोशल मीडिया के लिए जारी नए वैधानिक नियमों के मुताबिक एक्शन नहीं लिया है। आज केंद्र सरकार की तरफ से जारी नई गाइडलाइंस को स्वीकार करने की अंतिम तिथि है। लेकिन फेसबुक-टवीटर जैसे प्लेटफॉर्म इसमें खास रुचि नहीं दिखा रहे हैं। भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे टि्वटर-फेसबुक और अन्य के संबंध में भारत सरकार ने इसी साल 25 फरवरी को नई दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियमावली-2021 जारी किया था।
*25 फरवरी को जारी हुई थी आचार संहिता*
नियमावली-2021
इन प्लेटफॉर्म से 25 मई तक नई गाइडलाइंस के मुताबिक नियुक्तियां करने और अपनी सहमति देने के लिए कहा गया था। भारत सरकार की नई नियमावली 26 मई से लागू हो जाएगी। अगर सोशल मीडिया कंपनियां नए नियमों से नहीं जुड़ती हैं, तो उनका स्टेटस बदला जा सकता है। साथ ही उन्हें मध्यस्थ के तौर पर मिलने वाली सुरक्षा भी नहीं मिलेगी। इन प्लेटफॉर्म पर होने वाली अवैधानिक गतिविधियां भारत सरकार के मौजूदा कानूनों के तहत आपराधिक श्रेणी में आ जाएंगी।
*सिर्फ कू ने अब तक पालन किया*
जानकारी के मुताबिक भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉरम कू के अलावा किसी अन्य इंटरमीडियरीज प्लेटफॉर्म ने अब तक अपना रेसिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर, चीफ कंप्लायंस ऑफिसर और एक नोडल संपर्क अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। केंद्र सरकार ने इनकी नियुक्ति के लिए 3 महीने का वक्त दिया था। लेकिन इन कंपनियों ने अब तक इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई है। दरअसल सोशल प्लेटफॉर्म पर एकाउंट के निलंबित होने, अमर्यादित टिप्पणी और एकपक्षीय कार्रवाई को लेकर भारतीय उपयोगकर्ताओं ने भारी संख्या में बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों फेसबुक और ट्विटर के खिलाफ लगातार शिकायतें दी हैं। हाल ही में जन्मे टूलकिट विवाद में भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित ट्विटर के कार्यालय पर पूछताछ की है।
*हर महीने जारी करनी है रिपोर्ट*
सोशल मीडिया पर बढ़ते विवाद को लेकर भारत सरकार ने सभी कंपनियों से इन अफसरों की नियुक्ति के लिए कहा था। साथ ही कहा गया था कि यह कंपनियां हर महीने अपनी रिपोर्ट जारी करेंगी। जिसमें यह बताया जाएगा कि उन्होंने कितने मामलों का निपटारा कर दिया है, कितने केस का निपटारा लंबित है और कुल कितने यूजर्स ने शिकायत दी थी। कुछ कंपनियों ने इसके लिए अतिरिक्त समय की मांग की है। उन्होंने कहा है कि 6 महीनों में नए अफसरों की नियुक्ति कर दी जाएगी। वहीं कई प्लेटफॉर्म ने कहा है कि उन्हें अपने अमेरिका स्थित मुख्यालय से निर्देश का इंतजार है।