केजी डेवलपर्स रेत दलालो और गुंडो के दम पर करा रहा नदियों से अवैध उत्खनन

केजी डेवलपर्स रेत दलालो और गुंडो के दम पर करा रहा नदियों से अवैध उत्खनन

*रेत दलालो के आगे खनिज विभाग नतमस्तक, केवल खानापूर्ति की कार्यवाही*

रेत खदान के नाम पर नियम विरुद्ध मानको को धता बताकर रेत उत्खनन करा रही केजी डेवलपर्स जीवनदायिनी नदी सोन के भौगोलिक संरचना से कर रहे खिलवाड़ कलेक्टर के लॉकडाउन आदेश की अवहेलना करते हुए कर रही अवैध उत्खनन व भंडारण जिस प्रकार से अनूपपुर जिले में ठेका कंपनी केजी डेवलपर्स की मनमानी चल रही है उससे तो यही प्रतीत हो रहा है की हमाम में सब... की तर्ज पर अपनी जिम्मेदारियों को खनिज विभाग के अधिकारियों ने तिलांजली देकर ठेका कंपनी के कर्ता धर्ताओं का दामन थाम लिया है सबसे बड़ा सवाल तो यह है की अवैध उत्खनन एवं प्राप्त शिकायतो पर माईनिंग विभाग मौन धारण की है जबकि केजी डेवलपर्स कटनी के रेत दलाल और अनूपपुर के रेत दलाल एवं उनके गुंडो के दम पर अवैध रेत उत्खनन का काम बड़ी मात्रा में किया जा रहा हैं अनूपपुर चंदास नदी अमरकंटक रोड के पास रेत दलाली का कार्यालय चल रहा हैं जिसका सरगना कोई एक कटनी का दलाल हैं जो पूरे जिले के खदान की जबाबदारी ले ली हैं और ज्यादातर खदान किसी न किसी को उस क्षेत्र के दबंगो को देकर अवैध खनन कराकर नदियो का आकार परिवर्तन किया जा रहा हैं जब कुछ ज्यादा मामला बिगड़ जाता हैं तो प्रशासन एक दो कार्यवाही करके अपना कोरम पूरा कर लेता हैं रेत दलालो के दम पर खनिज विभाग का कार्यालय चलता हैं। 


अनूपपुर- 

अनूपपुर जिले के 22 खदानों का ठेका केजी डेवलपमेंट्स कंपनी को दिया गया है लेकिन कंपनी ने सारे नियमों को दरकिनार करते हुए अपनी मनमानी तरीके से लगातार जिले के जीवन रेखा कही जाने वाली नदियों का सीना छलनी कर रही है। जिले में स्थित सीतापुर घाट पर ठेकेदार के गुर्गों ने  रेत का कारोबार अंधरे में  जारी कर दिया है  यहां पर न ही  लीज एरिया का पता है, बहरहाल सरकार ने रेत ठेकेदार को ठेका देकर मानो जिले के लोगों को लूटने का ठेका केजी डेवलपर्स को  दे दिया हो इनके ऊपर अभी तक विभाग ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं कि। जिसका नतीजा यह रहा कि मनमाने दर, पर मनमाना उत्खनन जारी है ! हालांकि इसकी शिकायत स्थानीय लोगों द्वारा समय-समय पर प्रशासन के पास पहुंचाई जाती है लेकिन पता नहीं प्रशासन को कार्यवाही से क्या गुरेज है।

*लीज एरिया से बाहर उत्खनन*

जिले की जीवनदायिनी नदी कहीं जाने वाली सोन नदी में इन दिनों अवैध उत्खनन तेजी से किया जा रहा है जब से केजी डेवलपर्स द्वारा जिले में रेत का ठेका लिया गया है तब से वह अवैध उत्खनन को लेकर वह अपनी कार्यप्रणाली को लेकर सुर्खियां बटोरते नजर आ रही है कहीं पर गाड़ी जाने के लिए सोन नदी में रेता के ढेर लगा कर सड़क बनाकर नदी के बीचो-बीच रात के अंधेरे में हैबी मशीनों को उतारकर नदियों का सीना छलनी करते नजर आ रही है और मानसून सत्र के पहले जगह-जगह भंडारण किया जा रहा है माइनिंग ऑफिस के बगल में स्थित सीतापुर रेत खदान जिसमें अवैध उत्खनन को लेकर हुई शिकायत में नपाई की गई थी जिसमे कार्यवाही न होने पर  ठेकेदार के हौसले बुलंद इतने हो गए की भारी मशीन को नदी के बीचो-बीच उतारकर रात के अंधेरे पर कहीं बिना टी.पी. के अवैध उत्खनन कर मानसून सत्र के पहले भंडारण किया जा रहा है। जिसमें जिला प्रशासन को सख्ती से ध्यान देने की जरूरत है।

*लॉकडाउन में नही है प्रशाशन का भय-अवैध उत्खनन जारी*

जिले के सीतापुर,जैतहरी, बकही,चचाई बाबा कुटी धाम के पीछे और साथ ही भालूमाड़ा क्षेत्र के  पोड़ी घाट, खरिका टोला, चोलना सोन नदी घाट ग्राम पंचायत दारसागर गौशाला के पीछे शिवलहरा घाट व केवई नदी से दिन के उजाले में दोपहर में कुछ रेत माफिया अवैध रेत का खनन परिवहन कर रहे है रेत का अवैध खेल इस समय लॉक डाउन में खनन माफिया के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है।लॉकडाउन होते ही क्षेत्र के रेत कारोबारी नदियों से अवैध रूप से रेत का खनन परिवहन कर रहे हैं,यहां रेत की कोई भी खदान लीज पर नहीं है फिर भी रेत की चोरी बेखौफ हो रही है। यहां वह खदान है जो विगत कुछ महीनों पहले ट्रैक्टर ट्राली पलटने से एक गरीब ड्राइवर  की दबने से मौत मौके पर हो गई थी इसके बाद भी माइनिंग अधिकारी के कान में जो नहीं रेंगा और लगातार अवैध रेत उत्खनन चला आ रहा है शासन-प्रशासन, खनिज,वन विभाग लाख सफाई दे,कार्रवाई की बात करें लेकिन आज भी वर्षों से स्थानीय कुछ लोग अवैध रेत के कारोबार में निरंतर लगे हुए हैं उनके इस कारोबार पर आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।

*मानको की उड़ रही धज्जियां*

 वैसे तो कोई भी निर्माण कार्य  या फिर सरकार द्वारा संचालित किए गए कार्यों का कंस्ट्रक्शन एरिया में बोर्ड आवश्यक रूप से लगाने के निर्देश होते है जिसमें ठेका कंपनी का नाम, कंस्ट्रक्शन क्षेत्र व कीमत इत्यादि दर्शाया जाता है जिससे कार्य की पारदर्शिता बनी रहे लेकिन सारे नियमों को दरकिनार करते हुए रेत ठेकेदार ने सिर्फ और सिर्फ उत्खनन पर ध्यान दिया ना तो यहां पर  बोर्ड का पता है ना ही कितने घन मीटर रुपए रेत की कीमत है एक ही चीज यहां पर है ‘‘आइए पैसा दीजिए और रेत ले जाइए’’ हालांकि इसकी शिकायत कई बार मीडिया एवं नेताओं द्वारा माइनिंग अधिकारी को दी गई है लेकिन पता नहीं अभी तक जिम्मेदारों को फुर्सत क्यों नहीं मिली कि आकर रेत ठेकेदार की लापरवाही को देख सके व कार्यवाही कर सके।

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget