बन्द कमरे में निर्णय ले जारी किया तुगलकी फरमान - आशुतोष सिंह
अनूपपुर/पुष्पराजगढ़
तहसील स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति के नाम चंद लोगों को जनपद पंचायत के प्रथम तल के बंद कमरे में गोपनीय तरीके से बैठाकर लगभग 2 महीने से बंद पड़े बाजार को कैसे खोलना है का निर्णय कर लिया जाता है जिसकी भनक तक नही लगती। ऐसा जिला ही नही पूरे प्रदेश में कंही सम्भव है तो वह पुष्पराजगढ़ है जहाँ एक ओर सन्नाटा पसरा हुआ है फुटपाथ में ब्यवसाय कर अपना जीवकोपार्जन करने वाले व्यापारियों को खाने के लाले पड़ रहे हैं, उनकी तो सुध लेने वाला कोई नहीं वही दूसरी ओर आपदा प्रबंधन के नाम से तहसील मुख्यालय में बनाई गई कमेटी मनमाना निर्णय थोपने के लिए पहले से ही जगजाहिर है इस कमेटी में ना तो ब्यापारयों का प्रतिनिधि मंडल सामिल है और ना ही क्षेत्रीय विधायक इस तरह जनप्रतिनिधियो पत्रकारों की उपेक्षा कर मनमाने तरीके से चंद लोगो से सलाह मसबरा कर निर्णय लेकर ब्यापारियों के ऊपर ज़बरदस्ती थोपना कितना जायज है कितना न्यौचित है यह सवाल खुद खड़ा हो रहा है। एक तरफ जनता कॅरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रही है वही प्रशानिक अधिकारी बगैर ब्यापारियों से चर्चा करे तथाकथित लोगो के कहने पर निर्णय ले फरमान जारी कर रहे हैं आगामी दिनों के नफा नुकसान का जिम्मवार कौन होगा ? यही बन्द कमरा और चंद लोग। बैठक में लिए गए ऐसे निर्णयों की जानकारी के अभाव में अगले दिन बेकसूर जनता और फुटपाथ के ब्यापारियों पे लाठी भांजना उन्हें अर्थदंड से आरोपित करना जो कोविड 19 जो क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप की कार्यप्रणाली पर गहरा सवाल खड़ा करती है।
क्योंकि जंनता तक बात पहुंचाने वाले मीडिया प्रेतनिधियों को 2 माह बाद भी ऐसे कार्यक्रमों में नही बुलाया जा रहा। यह कैसी समिति है जिसमे समाज सेवियो ब्यापारियों जनप्रतिनिधियों मीडियाकर्मियों की उपेक्षा कर उनकी अनुपस्थिति में निर्णय लेकर कागजी खानापूर्ती कर वाहवाही लूटी जा रही है। ऐसी कार्य प्रणाली और तुगलकी फरमान समझ के परे है।