पुलिस की दादागिरी, नगरपालिका कर्मचारी को भी नही छोड़ा वसूल लिए रुपये
*एक तरफ पुलिस कप्तान पुलिस की छवि सुधारने की सारी कवायद कर रहे, वही दूसरी तरफ बुढार पुलिस कप्तान के अरमानों पर पलीता लगा रही*
शहडोल/बुढ़ार
बुढार पुलिस इन दिनों वसूली में व्यस्त है वही नगर पालिका धनपुरी के कर्मचारियों को भी नहीं छोड़ रही है अभी तक तो यह आरोप कोयला ट्रांसपोर्टर व मोटर ड्राइवर लगा रहे थे लेकिन बुढार पुलिस के भ्रष्टाचार और वसूली का किस्सा अब आम हो चला है बुढार पुलिस अभी तक ट्रक चालकों से हजार पंद्रह सौ की वसूली कर रही थी अब कोरोना योद्धाओं को बिना वजह रोक कर उनसे जबरन पैसा वसूल रही है घटना बीते दिनों की है नगर पालिका धनपुरी में कार्यरत सचिन कुमार कचेर सरकारी काम से बुढार से वापस लौट रहे थे तभी गिध्द दृष्टि जमाए झारिया ने सचिन कुमार को बिना वजह पहले तो गाड़ियों के पेपर और तरह तरह के नियम बताए और सब कुछ मुकम्मल होने पर भी झरिया ने कहा कि पैसा तो तू दे कर जाएगा चालान तो कटेगा एस पी साहब का आदेश है। दिन रात नगर की सेवा के लिए तत्पर्य रहने वाले नगर पालिका धनपुरी के कर्मचारियों से इस तरह का बर्ताव क्या उचित है। पुलिस की वर्दी और जन सेवा की भावना को भूल झारिया आज गरीब जनता को लॉक डाउन का भय दिखा कर उगाही में मसगूल है।
पुलिस कप्तान की साफ सुथरी छवि को दागदार करने में उनका ही महकमा जब जुटा हो तो दूसरों से क्या उम्मीद की जा सकती है। बहरहाल, जबरदस्ती बुढार पुलिस कर्मियों ने नगरपालिका कर्मचारी सचिन कचेर से ढाई सौ रुपए का चालान काटकर वाहवाही और सुर्खियों के बटोर ली।जब इस बाबत सचिन कचेर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि बुढार में झरिया जैसे पुलिस वाले को सरकार ने क्यू तैनात किया है?? सचिन ने कहा अब इस नगर का भगवान ही मालिक है जहां पुलिस कप्तान सुस्त पुलिस की कार्यप्रणाली को सुधारने के लिए रात दिन मेहनत कर रहे हैं वही चालान के नाम पर वसूली बाज पुलिस कर्मियों को किसने छूट दी यह गंभीर विषय है