चपरासी चला रहा पंचायत, सचिव गायब हितग्राही काट रहे चक्कर

चपरासी चला रहा पंचायत, सचिव गायब हितग्राही काट रहे चक्कर



अनूपपुर

जनपद पंचायत जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत बरगवां में इन दिनों पंचायत भवन सहित शासन के द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत बरगवां में पदस्थ सचिव व भृत्य के द्वारा संचालन किया जा रहा है। इनकी मनमानीयों को लेकर ग्राम  के गरीब हितग्राहियों व शासन की योजनाओं का लाभ लेने वाले गरीब परिवारों के लिए यह दोनों शख्सियत परेशानी का सबब बने हुए हैं। इनकी हरकतें इस कदर बढ़ गई हैं की शासन द्वारा प्रदत प्रधानमंत्री आवास योजना जिस पर गरीबों को रहने के लिए आवास की सुविधा प्रदान की जाती है।  सचिव व चपरासी अपने नियम और कानूनों को लागू कर लोगों को इस सुविधा से खुलेआम वंचित कर रहे हैं। यही नहीं सचिव की तानाशाही जग जाहिर है, सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि सचिव कम नेताओं की चापलूसी करते हुए शासन की महत्वपूर्ण एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ ग्राम पंचायत बरगवां के पंचायत भवन व संचालित योजनाओं को लेकर सुर्खियों में बने रहने वाला यह सचिव ग्राम पंचायत भवन में बैठकर लोगों का कार्य करने को तैयार नहीं पंचायत भवन के चपरासी के द्वारा गरीब हितग्राहियों को अनाप-शनाप नियम कानून बताकर मिलने वाली योजनाओं सामाजिक सुरक्षा पेंशन निराश्रित पेंशन विधवा पेंशन प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कर्मकार मंडल से जुड़े मजदूरों को मिलने वाले लाभ से वंचित संबल योजना में व्यापक तौर पर किए गए घोटाले किसान सम्मान निधि योजना मैं अपात्र लोगों को किसान सम्मान निधि योजना का लाभ सहित ग्राम पंचायत अंतर्गत संचालित निर्माण कार्य साफ सफाई व स्वच्छता अभियान के तहत कहीं भी कोई कार्य न कराया जाना इनकी आदत में शुमार है। सबसे बड़ी बात यह है कि एक चपरासी के माध्यम से पूरे ग्राम पंचायत के शासकीय कार्यों का संपादन सचिव के द्वारा पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कराया जाता है जिसमें चपरासी के द्वारा लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र व जन्म प्रमाण पत्र मैं काटा पीटी कर अनाप-शनाप व गलत जानकारी भरकर प्रमाण पत्रों को खराब कर दिया जाता है जबकि जन्म एवं मृत्यु का पंजीयन मात्र रजिस्ट्रीकरण अधिकारी सचिव के द्वारा ही समय सीमा पर किया जाना निश्चित है किंतु ग्राम पंचायत भवन से महीनों नदारद रहने के कारण लोगों को समय पर प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेजों के लिए पंचायत भवन का चक्कर काटना पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि सचिव अपने रुतबे और ऐंठ की वजह से शासन के द्वारा स्ट्रीट वेंडर अंतर्गत शासन के द्वारा दी जा रही अनुदान राशि में आवेदन किए गए आवेदकों के पत्र को रफा-दफा कर दिया गया जिसकी वजह से पूरे जिले में मात्र ग्राम पंचायत  बरगवां एक ऐसा ग्राम पंचायत है जहां गरीब हितग्राही ग्रामीणों को शासन की अनुदान राशि योजना का लाभ किसी को नहीं मिल पाया क्या कारण है की सचिव के ऊपर कई भ्रष्टाचार व अवैधानिक कृत्य करने के बावजूद जनपद पंचायत सीईओ व जिला पंचायत सीईओ सहित जिला कलेक्टर अनूपपुर के द्वारा इसके द्वारा किए गए व्यापक अनियमितताओं को नजरअंदाज करते हुए किसी भी प्रकार की कार्रवाई ना करना संदेहास्पद है। ऐसा प्रतीत होता है की सचिव ग्राम पंचायत बरगवां के ऊपर किसी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति सहित राजनेता का वरदहस्त प्राप्त है।

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत हितग्राहियों को जिन्हें आवास निर्माण का लाभ प्राप्त होना चाहिए इस योजना में सचिव व पंचायत चपरासी के द्वारा अपने हस्तक्षेप के कारण कई ऐसे गरीब परिवारों को जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना आवश्यक था वहां इनके द्वारा उन्हें यह कहकर इस योजना से वंचित कर दिया गया कि आप लोगों के पास टू व्हीलर वाहन है इसलिए इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा ग्राम के आदिवासी परिवार शासन की योजना से लाभान्वित ना होने के कारण उदासीनता के शिकार हो गए जबकि इन दोनों मुफ्तखोर ओं के द्वारा जिनके नाम अभी कुछ दिनों पहले बीपीएल सूची में दर्ज हैं जिनके पास बड़े बड़े मकान दुकान कई वाहन उपलब्ध है उन्हें चेहरे देखकर कमीशन खोरी की आड़ में सर्वप्रथम लाभ प्रदान किया गया है।

विदित हो कि पूरे कोविड-19 संक्रमण के दौरान सचिव ग्राम पंचायत बरगवां के द्वारा ग्राम पंचायत अंतर्गत इस भीषण संकट के दौर पर बीमारियों के कारण अपनी आर्थिक स्थिति से परेशान गरीब परिवारों के प्रति अपने कर्तव्य से विमुख होकर ग्राम पंचायत भवन से नदारद रहते हुए शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर लेटलतीफी और लापरवाही के लिए सोशल मीडिया साइट्स व अखबारों में सुर्खियां बटोरते रहते हैं।

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