नियम कानून ओएनजीसी कंपनी के जेब मे, कोविड़ नियमो और पुलिस पर पड़ रहे भारी
नियम कानून को धता बता रहे ओएनजीसी कंपनी के जिम्मेदार ,कोविड 19 का नही कर रहे पालन
नियम विरुद्ध वाहन दौड़ाकर पुलिस विभाग के जिम्मेदारों पर बढ़ रहे भारी
अनूपपुर/शहडोल
संभाग शहडोल अंतर्गत अनूपपुर शहडोल एवं उमरिया जिले में ओएनजीसी का मोनो चिपकाकर सैकड़ों वाहन नियम कानून को धता बताते हुए पुलिस के सामने फराटे मार कर दौड़ रहे हैं । इनके द्वारा ना तो कोरोना वायरस संक्रमण के गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है । ना ही सर्वे के दौरान परिचालन में उपयोग किए गए वाहन का इतना ही नहीं कंपनी में चलाए जा रहे टैक्सी परमिट के वाहनों के अधिकांश चालक जो बिना कमर्शियल लाइसेंस के वाहनों को दौड़ा रहे हैं ।तो वही सीट बेल्ट व अन्य गाइडलाइन का पालन बिल्कुल नहीं किया जा रहा साथ ही जहां एक और देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर शासन प्रशासन मैं बैठे जिम्मेदार आमजन का जान बचाने की तैयारी में जुटे हुए हैं ,यहां तक की प्राइवेट एवं सरकारी सेक्टरों के काम काज लगभग 2 माह से बंद पड़े हुए हैं वही ओएनजीसी कंपनी के द्वारा सैकड़ों की तादात में श्रमिकों से बिना कोरोना वायरस संक्रमण के गाइडलाइन का पालन किए काम किया जा रहा है । इनके द्वारा प्रत्येक वाहन में जहां कोविड-19 के तहत चालक सहित तीन लोग की अनुमति दी जाती है ,लेकिन ओएनजीसी कंपनी के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा चार पहिया वाहन में सीट से अधिक श्रमिकों को बिना सुरक्षा व्यवस्था दिलाएं ले जाया जा रहा है ।कंपनी के जिम्मेदारों द्वारा शासन प्रशासन में बैठे अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर सेंट्रल गवर्नमेंट का काम बताते हुए कई जगह बिना अनुमति के वाहनों को दौड़ा देना, जंगलों में वन मार्ग की अनुमति के बिना केबल बिछाकर मनमानी रास्ते से वाहनों को दौडते हुऐ काम किया जा रहा है। जिससे जंगलों में जंगली जानवरों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा कारण की इनके द्वारा ड्रिल मशीन के द्वारा बोर करने के बाद धमाकेदार ब्लास्टिंग की जाती है ।जिससे आसपास की धरती तक हिल जाती है उस भय के कारण कई जंगली जानवर तहस-नहस हो जाते हैं । प्राप्त जानकारी के मुताबिक ओएनजीसी कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों द्वारा 5 से 10 वाहनों का अनुमति लेने के बाद सैकड़ों की तादात में वाहन एवं मशीनरी नियम विरुद्ध तरीके से दौड़ाया जा रहा है साथ ही जिले में बढ़ते संक्रमण को लेकर कलेक्टर के द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद भी नियम विरुद्ध चार पहिया वाहनों में ओवरलोड श्रमिकों की सवारी लेकर यात्रा की जा रही है । जबकि नगर में संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा पॉइंट बनाकर वाहनों की चेकिंग के लिए जगह जगह चेक पोस्ट बनाए गए हैं । लेकिन उक्त संचालित वाहनों से पूछताछ करने एवं नियमानुसार चलने के लिए असहाय साबित हो रही है । इनके द्वारा कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से बड़े अधिकारियों से बात कराने की धोंस बता कर वाहनों को दौड़ाया जा रहा है । इनके द्वारा धारा 144 का बिल्कुल पालन नहीं किया जा रहा ,ना ही कोविड नियम के तहत मास्क, सोशल डिस्टेंशन,सेनिटाइजर व श्रमिकों के सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत सेफ्टी शूज हेलमेट गल्प्स की व्यवस्था की गई है ।उसके बावजूद भी शासन प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा 188 एवं ट्रैफिक नियम श्रमिक सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही नहीं की जा रही इतना ही नहीं संचालित बिना नंबर के वाहनों की कार्यवाही करने में संभाग भर की पुलिस असमर्थ देखी जा रही है ।