पानी के लिए हाहाकार, पीने का पानी छोड़े शौच के लिए बाहर जाने को विवश


पानी के लिए हाहाकार, पीने का पानी छोड़े शौच के लिए बाहर जाने को विवश 

अनूपपुर/जमुना/कोतमा

पेयजल को तरसते कोयला मजदूर की व्यथा नही सुन रहा प्रबंधन वर्षों से हो रही शिकायत पर भी सिविल विभाग बना हुआ है अकर्मण्य शौच  क्रिया के लिये  बाहर जाने को विवश  हुये श्रमिक ज़मुना कोतमा क्षेत्र का  सबसे ज्यादा आबादी  वाला ज़मुना टाऊँनशिप विगत कई वर्षों से जलसंकट से ग्रस्त है  l दो  -तीन वर्ष पहले  कोतमा ओसीएम (मिनी ओसीएम ) के पुराने खदान  मे भरे पानी को फिल्टर  प्लांट  तक लाकर जल आपूर्ति के काम के नाम  पर फर्जीवाड़ा कर पचासो  लाख  खर्च भी हुआ l  श्रम संघों के सुझाव से मुरधावा  से भी पानी लाने का  काम हुआ, उसमे भी पुरानी और तय मानक  से निम्न  स्तर  की पाईप  लाइन बिछाई  गई, जो कुछ दिनो मे  ही जगह-जगह से लीक हो गई ज़िससे पानी का दबाव कम  हो गया अंतत: पानी की आपूर्ति  प्रभावित हो गया  l श्रमिक ड्यूटी करे य़ा रोज पानी के लिये दर दर भटके l  कभी पानी आया कभी नही आया और आया भी तो  नाम मात्र के लिये खाना पूर्ति के लिये बस कुछ देर के लिये l  आज यह बदतर स्थिति मजदूर और उनके परिवार की हो गई है  की शौच क्रिया के लिये भी बाहर जाना पड  रहा है  l  दैनिक  आवश्यकता हेतु ज़रूरी पेयजल कि  खोज मे दर - दर भटकते हुये कुयें -तालाब का  चक्कर लगाता है  l  श्रमिकों ने  कहा  कि  स्टाफ़  अधिकारी;सिविल  किसी काम के नही  हैं  जबसे इस क्षेत्र मे पदस्थ हुये हैँ  क्षेत्र मे ऐसी  दुर्गती  और अराजकता  सिविल विभाग मे नही रहा है  l  एक कहावत यहां पर चरितार्थ होता है कि  "भैंस के आगे बीन बजावै, भैंस थाड  पगुराय " l

  जब क्षेत्र के कर्मचारियों ने कोयला मजदूर सभा (एच एम  एस ) के क्षेत्रीय अध्यक्ष   श्रीकांत शुक्ला  से जल संकट से अवगत कराया और मांग किया की इससे हम ज़मुना वासियों को इस  समस्या से निजात दिलाया जाय तब श्री शुक्ला  ने कहा  कि  प्रतिवर्ष करोडों रूपये का  सकल  खर्च पेयजल आपूर्ति हेतु कंपनी का  व्यय होता हैँ  l  फिर भी  सार्थक  परिणाम अभी तक सिविल विभाग द्वारा  नही दिया गया है  l निश्चित ही जब श्रमिक  तंग होगा तो ड्यूटी ख्यसिकार पायेगा ,इसका असर कोयला उत्पादन पर पड़  ही रहा है  l   संभव है  जी एम  साहब को इस  समस्या की जानकारी अभी न हो  उनके छुट्टी से लौटते ही  सब जानकारी देते हुये इस  जल संकट के  सम्बंध मे चर्चा करूँगा  l  वर्तमान महाप्रबंधक महोदय  निसंदेह श्रमिक  समस्या को लेकर सजग और सकारात्मक रहते हुये कार्यवाही अवश्य करते है  l किंतु यह सच जबसे स्टाफ़  अधिकारी,सिविल श्री अग्रवाल पदस्थ हुये पूरे क्षेत्र के सिविल कार्य प्रभावित हैं  और पानी का  संकट गहरता जा  रहा है  l  व्यथित श्रमिकों  की समस्या का  निवारण यदि सिविल विभाग द्वारा  शीघ्र नही किया तो मैं  स्वयं इनके विरुद्ध सी वी सी,नई  दिल्ली,कोयला सचिव से लेकर कोल इन्डिया के मुख्य सतर्कता अधिकारी और अन्य समस्त उच्च प्रबंधन  को शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच की मांग इनके कार्य शैली की करूँगा  l

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