कागजी आदेश पर कोरोना कर्फ्यू, न मास्क न सोशल डिस्टेंस बस खानापूर्ति

कागजी आदेश पर कोरोना कर्फ्यू, न मास्क न सोशल डिस्टेंस  बस खानापूर्ति 

*क्राइसेस मैनेजमेंट के सदस्य मैदान पर जाकर देखे क्या है हालात अनूपपुर जिला कैसे जीतेगा कोरोना से*


अनूपपुर

कोरोना महामारी कोरोना कर्फ्यू जिला मुख्यालय में 24 मई तक लागू है कर्फ्यू के आदेश में जो कोरोना के लिए गाइड लाइन हैं उस नियम का मुख्यालय समेत पूरे जिले में पालन होता नजर नही आ रहा हैं। प्रशासन कमरे में बैठकर आदेश जारी करके अपना काम कर दे रहा हैं और लोग अपने आप मे ही मस्त हैं। कोरोना का डर लोगो के ऊपर  बिल्कुल नजर नही आ रहा है सड़क, दुकान, सब्जी थोक, कृषि उपज मंडी में साफ-साफ देखने को मिल जा रहा हैं लोग नियम मानने को तैयार नही है और प्रशासन पूरी तरह से पालन करवाने में असमर्थ नजर आ रहा है। क्राइसेस मैनेजमेंट सदस्य आपस मे विचार विमर्श करके वर्तमान स्थिति को देखते हुए नियम तो लागू करवा देते है मगर उसके बाद उस नियम का पालन हो रहा है नही प्रशासन करवा पा रहा है या नही उसे देखने के क्राइसेस मैनेजमेंट का कोई सदस्य मैदान में देखने नही जाता कि क्या हॉल हैं। नियमो का पोस्टमार्डम हो रहा है प्रशासन ने थोक सब्जी मंडी का स्थान चचाई रोड चंदास नदी के पास लगाने के जो आदेश दिया है। और पहले वाला समय सुबह 6 बजे से 9 बजे का समय बदलकर सुबह 3 बजे से 5 बजे तक किया गया हैं कि ज्यादा भीड़भाड़ न हो वहाँ पर थोक सब्जी वाले ही पहुँचकर 2 घंटे में सब्जी बेचकर घर चले जाएं लेकिन इसका कोई फायदा नजर नही आ रहा है। और फिर फुटकर वाले सुबह 6 से 9 बजे तक ठेले पर रखकर घर घर सब्जी पहुँचा दे मगर आज वहाँ पर जाकर देखने के बाद यह पता चला कि कोरोना कर्फ्यू के नियम कानून केवल कागजी आदेश तक सीमित हैं वहाँ पर न तो नियमो का पालन हो रहा हैं और न कोई करवा पा रहा हैं। थोक सब्जी में 250 आड़े तिरछे लगभग दो पहिया, चारपहिया वाहन खड़ा करके पूरी सड़क को जाम कर देते है उसके बाद सब्जी वाले सड़क के किनारे ही सब्जी दुकान लगाकर बची कुची सड़क को और जाम कर देते हैं। उसी समय सैकड़ो की तादात में भारी बलकर वाहन निकलने से घंटो जाम लग जाता हैं और कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है वहाँ पर हजारों की भीड़ एक स इकट्ठा होकर मेला जैसा वातावरण निर्मित हो जाता हैं। वहाँ पर पहुचने वाले लगभग 50 प्रतिशत लोगो के मास्क नही लगे होते और न ही 6 फिट की सामाजिक दूरी सोशल डिस्टेंस का पालन होता है। ऐसे में कैसे कोरोना को पूरे जिले से भगाने में प्रशासन सफल होगी कह पाना मुश्किल है। प्रशासन के नाम पर पुलिस विभाग का मात्र एक व्यक्ति ही नजर आया जो अकेले यातायात को सही करे, मण्डी की गाड़ियों की व्यवस्था देखे, मास्क और सोशल डिस्टेंस का पालन करवाये नियमो को बनाने वाले 2 से 4 कर्मचारी लगाकर नियमो का पालन करवाने के लिए छोड़ देते हैं। कभी क्राइसेस मैनेजमेंट के सदस्यों और अधिकारियो के घर पर तानकर सोने से काम नही चलने वाला कभी अपने घरों के एसी रूम से 4 बजे सुबह बाहर निकल कर मैदान में जाकर देखे की वहाँ का हाल कैसा रहता हैं।


*कृषि उपज मंडी का भी यही हॉल*

कृषि उपज मंडी में गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां सोशल डिस्टेंस व मास्क गायब खतरे से खेलते लोग जहाँ एक ओर प्रशासन पूरी लगन के साथ जिले में कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए लगातार युद्घस्तर लड़ाई लड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर लोग नियम कानून को समझने को तैयार नहीं है अगर बात की जाए क्या गाइडलाइन में कृषि उपज मंडी को इस गाइडलाइन से बाहर रखा गया है या फिर जिम्मेदार लोग अपनी आंखो में पट्टी बांधकर अपने सामने ये मौत का खेल होने दे रहे है अगर यही हालत रहा तो कृषि उपज मंडी से जो महामारी का बंब विस्फोट होगा वो पूरे किए कराए में पानी फेर देगा आखिर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को बखूबी क्यों नहीं निभा रहे है ।

*इनका कहना है*

मुझे इस मामले में वर्जन देने का अधिकार नही है मगर आपने जानकारी दी हैं तो मैं इस बात को कलेक्टर साहब तक पहुँचा दूंगा।

*सरोधन सिंह अपर कलेक्टर अनूपपुर*

इस मामले के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को महोदय से बात करना चाहा गया तो उनके मोबाइल में घंटी गयी मगर कॉल काट दिया गया।


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