ट्रांसपोर्ट कंपनी के ओवरलोड वाहनों और प्रदूषण से लोग बेहाल, सड़क जर्जर

ट्रांसपोर्ट कंपनी के ओवरलोड वाहनों और प्रदूषण से लोग बेहाल, सड़क जर्जर


अनूपपुर/अमाड़ाड़

जमुना कोतमा एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र आमाडाड़  बरतराई भूमिगत खदान में कालरी प्रबंधन की शह पर कोयला खदान में ए आर पी कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी  की ओवरलोड गाड़ियां दनादन रवाना हो रही हैं जो आमाडाड़ से करीब 22 किलोमीटर दूर गोविंदा साइडिंग तक कोयला परिवहन का जिम्मा इन पर है पर इन गाड़ियों पर न तो यातायात विभाग और ना ही आरटीओ के अधिकारी चालानी कार्यवाही कर रहे हैं जिससे कोल ट्रांसपोर्टरों के हौसले बुलंद हैं जिस तरह से जिला मुख्यालय में कभी-कभी ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है वैसे ही कार्यवाही की दरकार यहां पर भी है लेकिन इस तरह की कार्यवाही  यहां देखने को नहीं मिलती पुलिस कप्तान से इस और कार्यवाही की मांग की गई है कोयला खदानों में कोयले के उत्पादन के पश्चात उसे रेलवे साइडिंग के माध्यम से मालगाड़ी द्वारा उसके गंतव्य की ओर भेजा जाता है भारी भरकम वाहनों के द्वारा कोयले को आमाडाड़ बरतराई खदान से गोविंदा सीएसपी तक परिवहन किया जाता है कालरी प्रबंधन ने कागजी तौर पर कोयले के परिवहन का मार्ग तय कर रखा है इसके बावजूद हकीकत यह है कि आबादी वाले क्षेत्र से कोयले के परिवहन कर प्रदूषण को बढ़ावा दिया जा रहा है धूल और कोयले के काले गुब्बार से राहगीरों का चलना मुश्किल हो गया है वहीं ओवरलोड वाहनों से सड़क के परखच्चे उड़ गए हैं

जनजीवन हो रहा बेहाल एआरपी कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी  के कोयले के परिवहन से हो रहे प्रदूषण से राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है प्रदूषण से लोगों का जीना दुश्वार हो रहा है कालरी प्रबंधन ट्रांसपोर्टरों को उपकृत करने के लिए वाहनों में क्षमता से अधिक कोयला को लोड करा कर प्रतिदिन सैकड़ों बार इस क्षेत्र से ट्रकों का आवागमन करा रही है बड़े-बड़े वाहन कोयला लादकर आवागमन कर रहे हैं कोयला लदे भारी वाहनों से कोयले के छोटे-बड़े चट्टान सड़क में गिरते रहते हैं जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना घट सकती है

*बदहाल हुई सड़कें*

आम राहगीरों के गुजरने व छोटे  दो पहिया वाहनों व चार पहिया वाहनों की क्षमता के अनुकूल बनाए गए रास्तों में 35 से 40 टन कोयला लोड कर ट्रक सड़कों  को रौंदकर बदहाल कर रहे हैं बड़े वाहनों जैसे तैसे बदहाल सड़कों से गुजर जाते हैं लेकिन छोटे वाहनों के पहिए गड्ढों में समा जाते हैं यदि भारी वाहन यहां से अनवरत निकलते रहे तो कुछ ही माह में सड़क गड्ढों में या गड्ढा सड़क में तब्दील हो जाएगा यह समझना मुश्किल है

*सब मैनेजमेंट का खेल*

पूंजी पतियों के साथ-साथ राजनैतिक रसूख वाले व्यक्तियों की भी इस खेल में हिस्सेदारी है जिसकी वजह से स्थानीय स्तर पर राजनीति के आड़ और दबाव में सारी शिकायतों को दफना दिया जाता है कार्यवाही के नाम पर सिर्फ ए आर पी कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी व उसके संलग्न वाहनों की जांच कराकर सब कुछ ठीक होना बतला दिया जाता है जबकि हकीकत यह है कि निजी ट्रांसपोर्ट को लाभ पहुंचाने के लिए क्षमता से अधिक कोयला प्रदान किया जाता है

*कार्यवाही की मांग*

आमाडाड़ बरतराई व प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने क्षेत्र के लोकप्रिय महाप्रबंधक सुधीर कुमार से मांग किया है कि वे जिस तरह जमुना कोतमा क्षेत्र के  अन्य क्षेत्रों में सुरक्षित रह कर उत्पादन के साथ विकास कार्य कर रहे हैं उसी तरह इन ओवरलोड गाड़ियों का स्वयं निरीक्षण कर उन पर रोक लगाएं साथ ही कोयले के ऊपर तिरपाल लगाकर डुलवाए जाने की मांग की है जिससे कि लोगों को हो रही बीमारी व जानलेवा खतरों से बचाया जा सके

*इनका कहना है*

ए आर पी कोल ट्रांसपोर्टर द्वारा अगर ओवरलोड किया जा रहा है तो मैं उसे दिखावा लेता हूं और तत्काल उन्हें लिखित रूप से पत्र देकर निर्देशित करता हूं कि वे कोयले को तिरपाल से ढक कर ही ले जाएं साथ ही उनके वाहनों के दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी

ओ पी दुबे  उप क्षेत्रीय प्रबंधक आमाडाड़ बरतराइ भूमिगत खदान

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