9 माह के बच्चे को गंभीर बीमारी इसे लगने वाले इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़
इस 9 माह के बच्चे को हो गई है दुर्लभ बीमारी, जिसका खर्चा 16 करोड़ रुपए से अधिक का है, माता-पिता का रो-रोकर है बुरा हाल
जबलपुर
9 महीने का बच्चा एक ऐसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है, जिसके इलाज का खर्च सुन हर कोई हैरान रह जाएगा। मध्यप्रदेश के जबलपुर में सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के बच्चा वार्ड के एनआईसीयू केयर में भर्ती 9 माह के बच्चे आयुष अर्खेल का इलाज चल रहा है, जहां वह वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है। बच्चा आयुष अर्खेल एसएमए टाइप 1 (SMA Type 1) यानी स्पाइनल अस्ट्रोफी नामक एक दुर्बल बीमारी से जूझ रहा है। इस बीमारी से ठीक होने के लिए बच्चे को एक ऐसे इंजेक्शन की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बीमारी के इलाज में जो इंजेक्शन कारगर है, वह अमेरिका से मिलेगा। इस इंजेक्शन की कीमत 16 करोड़ बताई जा रही है। बच्चे आयुष अर्खेल के माता-पिता इतने सक्षम नहीं कि वे इतने महंगे इंजेक्शन को खरीद सके। इसके लिए उन्होंने क्राउड फंडिंग का सहारा लिया। सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर कर बच्चे आयुष के माता-पिता सभी से मदद की गुहार लगा रहे हैं, ताकि उनके बेटे का जीवन बच सके।
बच्ची की ट्रीटमेंट में सबसे बड़ी बात यह थी कि करीब 6.5 करोड़ टैक्स लगना था। हालांकि, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के दखल से मोदी सरकार ने इंजेक्शन पर लगने वाले सभी टैक्स ( 23 फीसदी आयात शुल्क और 12 फीसदी जीएसटी) को माफ कर दिया, जिसकी कीमत करीब 6.5 करोड़ है। दरअसल ,देवेंद्र फडणवीस ने यह मामला सामने आऩे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी और यह गुहार लगाई थी कि अमेरिका से आने वाले इस इंजेक्शन पर लगने वाले सभी टैक्स में छूट दे दी जाए।
*कैसे होती हैं ये बीमारी*
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 एक दुर्लभ बीमारी है। जो बच्चे स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 से पीड़ित होते हैं, उनकी मांसपेशियां कमजोर होती हैं, शरीर में पानी की कमी होने लगती है और स्तनपान करने में और सांस लेने में दिक्कत होती है। इस बीमारी बच्चा पूरी तरह से निष्क्रिय सा हो जाता है।