यही है मानवता कोरोना से मृत्यु उपरांत राशि के लिए 4 माह से भटक रहे परिजन
*नियमानुसार 7 दिवस के अंदर करना है 15 लाख अनुग्रह राशि का भुगतान*
जमुना कोतमा कोल इंडिया अपने कर्मचारियों को मूलभूत सुख सुविधा और उनके राशि के भुगतान के समय-समय पर बड़े-बड़े दावे करती है और उसे मिनी रत्न व महारत्न का दर्जा भी प्राप्त है लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत है ऐसा ही एक मामला एसईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र का सामने आया है जिसमें की एक कालरी कर्मचारी के करोना से मृत्यु उपरांत 4 माह बीत जाने के बाद भी उनके परिजन अनुग्रह राशि बीमा राशि ग्रेजुएटी पीएफ आदि के लिए भटक रहे हैं और दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं जिनकी बात देखने और सुनने वाला कोई नहीं है या यूं कहें कि कोल इंडिया का कोई माई बाप नहीं है मात्र आदेश निकाल कर ही अपने कर्तव्य की कंपनी इतिश्री कर लेती है
ज्ञात हो कि जमुना कोतमा क्षेत्र में कार्यरत कालरी कर्मचारी वरिष्ठ खिलाड़ी व सक्रिय सदस्य भारतीय मजदूर संघ अब्दुल कादिर जिलानी की दिनांक 12 जनवरी 2021 को करोना से संक्रमित होने के बाद मृत्यु हो गई थी उनके मृत्यु के उपरांत परिजनों द्वारा समस्त दस्तावेज जमा करने के बाद भी आज 4 माह बीत गए हैं लेकिन किसी भी राशि का आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया है जिससे उनके परिजन काफी परेशान हैं जबकि कार्यालय आदेश संख्या सीआईएएल सीएसबी/ जेबीसीसीआई -x के निर्णय अनुसार कोविड-19 अनुग्रह राशि /236 दिनांक 14/ 8/ 2020 के निर्णय के अनुसार कोविड-19 से मरने वाले कर्मचारियों को अनुग्रह राशि 15 लाख रुपए 7 दिन के अंदर बीमा राशि 2 दिन के अंदर ग्रेजुएटी पीएफ और पेंशन दावा प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर एवं आश्रित को रोजगार एवं मुआवजा दस्तावेज जमा होने के 7 दिनों के भीतर देने का नियम है लेकिन जमुना कोतमा क्षेत्र के अधिकारी इन सारे नियमों को धता बताकर कोविड-19 से मृत्यु होने वाले अब्दुल कादिर जिलानी के परिजनों को भटका रहे हैं इस पूरे घटना की भारतीय मजदूर संघ जमुना कोतमा क्षेत्र में कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि कालरी प्रबंधन शीघ्र अब्दुल कादिर जिलानी के परिजनों को समस्त राशि का भुगतान किया जाए और आश्रित को रोजगार दिया जाए साथ ही पीड़ित परिवार ने क्षेत्र के लोकप्रिय महाप्रबंधक सुधीर कुमार जोकि विकास सुरक्षित रहकर कोयला उत्पादन और जनसमस्याओं को प्राथमिकता से निवारण कराने के लिए जाने जाते हैं उनसे मांग किया है कि शीघ्र ही अनुग्रह राशि ग्रेजुएट पी एफ आदि का भुगतान करते हुए आश्रित को रोजगार दिलाए जाने की महान कृपा की जाए साथ ही जिन लोगों की वजह से पीड़ित परिवार चार माह तक भटक रहा है उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही भी की जाए ताकि कोल इंडिया की साख बची रहे।