200 रु से 400 रु में डॉक्टर बना रहे हैं, कोरोना की फर्जी निगेटिव रिपोर्ट ?
अनूपपुर
देश मे कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद कई राज्यों ने दूसरे राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के लिए 72 घंटे पूर्व की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही राज्य की सीमा में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है, यह निर्देश मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकार ने भी कई राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के लिए दिए है, छत्तीसगढ़ में प्रवेश के लिए मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों से जाने वाले व्यक्तियों को भी 72 घंटे पूर्व की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है, उसी के बाद ही कोई व्यक्ति छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश कर सकता है, ऐसे में छत्तीसगढ़ जाने वाले वाले परेशान व्यक्तियों की मजबूरी का फायदा उठाने दलालो का गिरोह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ की सीमा वेंकटनगर में सक्रिय हो है, जो 200 से 400 रुपये लेकर फर्जी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट लोगो को बाट रहा है ।
* मानवता की सेवा के पेसे को कर रहे है बदनाम *
पूरे कोरोना काल मे जिस तरह से डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना मरीजो की सेवा तन्मयता से की है और लोगो को ठीक किया है उसकी मिशाल पूरा देश दे रहा है, लेकिन फर्जी कोरोना रिपोर्ट कांड में जिस तरह से वेंकटनगर स्वास्थ्यकेंद्र में पदस्थ डॉक्टर शामिल है उससे और मात्र 200 से 400 रुपये लेकर फर्जी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट बाट रहे है उससे इस ईमानदार पेसे को जिस तरह से बदनाम कर रहे है उससे सिर्फ उनकी ही नही इस पद की गरिमा भी धूमिल हो रही है ।
*स्टिंग ऑपरेशन में हुआ खुलासा *
इस पूरे घटना क्रम का खुलासा एक स्टिंग ऑपरेशन से हुआ जहा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ बार्डर से छत्तीसगढ़ पुलिस के बैरियल में लोगो से राज्य में प्रवेश से पहले कोरोना निगेटिव रिपोर्ट मांगी जाती है और वही खड़ा दलाल सक्रिय हो जाता है और परेशान यात्रियों से उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर कोरोना की फर्जी निगेटिव रिपोर्ट बनवाने की सौदे बाजी सुरु करता है और सीधे वेंकटनगर हॉस्पिटल में पदस्थ डॉक्टर के पास लेकर जाता है जहाँ कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट पहले से तैयार रहती है उस पर सिर्फ नाम और उम्र लिखा जाता है और उसकी कीमत सिर्फ और सिर्फ 200 से 400 होती है। जी हा सिर्फ 200 से 400 रुपये जो भगवान कहे जाने वाला डॉक्टर लेता है ।
* बिना जांच हुए ही मिल जाती है रिपोर्ट*
दलाल के साथ जब छत्तीसगढ़ जा रहा यात्री डॉक्टर के पास पहुचता है तब डॉक्टर साहब कोरोना का कोई टेस्ट नही करते बल्कि पहले से तैयार कोरोना निगेटिव रिपोर्ट पर सिर्फ यात्री का नाम, उम्र और मोबाइल नंबर लिखकर फर्जी रिपोर्ट दे दी जाती है ।