मंत्री जी ! यदि हैं...तो होने का अहसास तो कराईये, बदतर होती दशा के लिये जिम्मेदार कौन ?

मंत्री जी ! यदि हैं...तो होने का अहसास तो कराईये अनूपपुर की बदतर होती दशा के लिये जिम्मेदार कौन ?


(आनंद पाण्डेय की कलम से)


अनूपपुर 

अनूपपुर जिला छत्तीसगढ़ का सीमावर्ती राज्य होने के कारण सबसे संवेदनशील है। यहाँ से मप्र शासन में कद्दावर नेताओं में शामिल कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह के साथ सांसद हिमाद्री सिंह, दो कांग्रेसी विधायक, अजजा आयोग के दो - दो पूर्व अध्यक्ष, विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष, पत्रकार संगठनों में म प्र श्रमजीवी पत्रकार संघ के पदाधिकारी, तमाम संगठनों के संभाग/ जिला अध्यक्ष, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत, संभाग ,जिला पदाधिकारी ,तमाम वरिष्ठ पत्रकार, समाजसेवी रहते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये बनी आपदा समिति में सिर्फ अधिकारी और कुछ नेता शामिल हैं। जिस तरीके से निर्णय/ अनिर्णय की स्थिति है, कोरोना संकट तेजी से बढ रहा है। किसकी सलाह पर निर्णय हो रहे हैं, किसी को नहीं पता। अब तो जनता भी कहने लगी है कि मंत्री जी ! पानी सिर से ऊपर जा रहा है। कुछ तो ऐसा करो कि लगे कि हां ! मंत्री जी के जिले से होने का कुछ मतलब भी है। नहीं तो सबका मालिक भगवान तो है ही।*

पूरे देश मे कोरोना से भयावह स्थिति हो गई है और दिन प्रतिदिन लगातार कोरोना संक्रमण के मरीज बढ़ते जा रहे है  पूरे देश मे  अस्पताल में ऑक्सीजन, बेड, रेमडिसीविर इंजेक्शन की कमी है लोग रुपये देने को तैयार हैं मगर सुविधा नही मिल पा रही हैं हजारो लोगो की मौत  प्रतिदिन हो रही हैं देश मे आज मरीजो का आंकड़ा 2 लाख 16 हजार पहुँच गयी है हर राज्य में मरीज बढ़ रहे है मध्यप्रदेश में 10 हजार से ज्यादा मरीज मिले थे आने वाला दिन और भी भयावह हो सकती हैं इसलिए  सरकार को कड़ाई से काम लेना पड़ेगा ।

*जिले में कोरोना परोसने की मिली खुली छूट*

अनूपपुर जिले में कलेक्टर ने अभी दो दिन से सभी दुकान खोलने का समय सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे आदेश जारी कर दिए हैं कर दिया गया है जिससे लोग बेधड़क शहर में खुले आम घूमकर कोरोना लेने देने की पूरी छूट मिल गयी है 2 दिन पहले एक  आदेश लागू था कि जरूरी सामान राशन, दूध , फल , अंडा की दुकान खोलने का आदेश था मगर अब नया आदेश के बाद जिला प्रशासन के ऊपर सवाल खड़े हो रहें हैं कि इतनी भयावह स्थिति होने के बाद इतनी खुली छूट लोगो देना क्या जायज हैं। जिस दिन नया आदेश आया उसी दिन से कोरोना मरीजो का आंकड़ा लगातार पार कर रहा है।

*चंद संपन्न व्यापारियों के दबाब में बदला आदेश*

लॉक डाउन का आदेश होने के बाद जिन चंद संपन्न व्यापारियों की दुकाने बंद हो गयी थी, वो सब  मिलकर कोरोना नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुँच कर ज्ञापन सौप कर प्रशासन के ऊपर दबाव बनाते दिखे।   कलेक्टर अनूपपुर को दबाव के चलते नया आदेश जारी करना पड़ा।  इस आदेश का  अब जिले की जनता खुल कर विरोध कर रही है। व्यापारियों ने स्वयं मास्क और सोशल डिस्टेंशिंग नियमों की धज्जियां उड़ा कर कोरोना संक्रमण फैलाने में मददगार बने हैं।

*शहडोल उमरिया में नही मिली इतनी छूट*

शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले छोड़कर शहडोल उमरिया जिलो के कलेक्टर कोरोना के चलते काफी कड़ा फैसला लेते हुए केवल आवश्यक वस्तुए की होम डिलीवरी का आदेश देते हुए कोरोना पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही हैं क्या वहाँ दुकान और व्यापारी नही हैं वहां के व्यापारी अपना हित न देखते हुए लोगो के हित को देखते हुए प्रतिष्ठान बन्द करना ही उचित समझा।

*जिले में कड़ाई की आवश्यकता*

पिछले वर्ष जो कोरोना महामारी फैला था उस समय कोरोना की स्थिति इतनी भयावह नही थी उसके बाद भी जिला प्रशासन और सरकार ने नियम इससे ज्यादा कड़े किये थे मगर इस बारे स्थिति उससे विपरीत होने पर भी भी इतनी छूट लोगो के लिए हानिकारक हैं आवश्यक वस्तुए होम डिलीवरी के माध्यम से पहुचाई जा सकती है या 2 से 3 घंटे के लिए आवश्यक वस्तुए की दुकानों को छूट देकर भी इस समस्या का हल किया जा सकता हैं इसलिए अभी से ही कड़ाई की आवश्कता बहुत जरूरी है।

*उठाये आवश्यक कदम*

मंत्री, सांसद,विधायक, पत्रकारों,जन प्रतिनिधियों एवं जिले के सभी लोगो से मेरा विशेष आग्रह है कि अनूपपुर जिले की जनता को जान बूझकर मौत के मुँह में न ढकेले । लोगो का जीवन बचाने के लिए कड़े नियम लागू करे या करवाये।  जिससे इस महामारी से हम सभी बचकर निकल सकें।

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