सीएम बताये क्या इंसानी जिंदगियों की कीमत कीड़े-मकोड़े जैसे हो चुकी है,?


सीएम बताये क्या इंसानी जिंदगियों की कीमत कीड़े-मकोड़े जैसे हो चुकी है,?- सुनील सराफ


अनूपपुर,/शहडोल

  अनूपपुर जिले के मेरे विधानसभा क्षेत्र कोतमा के ग्राम खोडरी निवासी श्री रवि जायसवाल ने आज प्रातः 4:30 बजे फोन कर जानकारी दी की मेडिकल कॉलेज शहडोल में भर्ती उनके भाई श्री उदय जायसवाल आयु 38 वर्ष को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, साथ ही आक्सीजन की सप्लाई कम होने से अन्य मरीज भी तड़प रहे है। मैने वहाँ मौजूद ड्यूटी डाक्टर से बात कराने के लिये बोला तो डाक्टर ने बताया कि आक्सीजन की कोई कमी नहीं हैं, तब रवि जायसवाल ने डाक्टर से पूछा कि यदि आक्सीजन कम नही है तो इसका लेवल 25 क्यों आ रहा है एवं फोन बंद होने के दो मिनट बाद ही इनके भाई श्री उदय जायसवाल की मृत्यु हो गई एवं उसके बाद मैं उसे लगातार फोन कर रहा था और आक्सीजन की कमी न होने के कारण एक-एक कर के प्रातः 7:00 बजे तक 16 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है।


 ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न हुई, इसका दोषी कौन है ? क्या इंसानी जिंदगियों की कीमत कीड़े-मकोड़े जैसे हो चुकी है।

मीडिया में लगातार ऐसी खबरे आ रही हैं कि मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन उपलब्ध है, जबकि ऐसा नहीं था। यदि आक्सीजन होती तो एक साथ प्रातः 4:30 से 7:00 बजे तक 16 मरीजों की मौत न हुई होती। प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा 16 मरीजों को मरते देखा गया किंतु मेडिकल कॉलेज द्वारा मात्र 6 मरीजों की मृत्यु होने का आंकड़ा प्रस्तुत किया जा रहा है।

माननीय शिवराज जी भगवान न करे के कभी आपके परिवार का कोई सदस्य ऐसी भयावाह परस्थितियों में अपने प्राण गंवाये तो क्या तब भी आप ऐसे ही आंकड़ों की बाजीगरी करते हुये आंकड़े छुपायेंगे।

वर्तमान परिस्थियों का मुकाबला करने में सरकार पूर्णतः विफल साबित हो रही है, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रशासन ने स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई सुधार नहीं किया है, जिस कारण कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे है। जबकि पूर्व वर्ष में संस्थागत क्वारंटाईन में मरीजों को ले जाकर उनका इलाज किया जाता था, जिसके परिणाम बेहतर थे। किंतु अब प्रशासन ने मरीजों को उनके हाल पर मरने के लिये छोड़ दिया है।

टीकाकरण की गति भी अत्यंत धीमी है, आयु सीमा बंधन के कारण समाज का युवावर्ग टीकाकरण से वंचित है, यह भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।

 अनूपपुर जिले में विगत 11 अप्रैल से 17 अप्रैल तक कुल 702 नये कोरोना के मरीज पाये गये है। यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, एवं पूर्व वर्ष की तुलना में इस वर्ष मृत्यु दर अधिक है। कोरोना टेस्टिंग की गति आज भी अत्यंत धीमी है, परीक्षण के तीसरे दिवस में रिपोर्ट प्राप्त होती है, तब तक कोरोना मरीज अपने घर मोहल्ले एवं समाज में कई लोगों को संक्रमित कर चुका होता है।

उपरोक्त परिस्थितियों के अनुक्रम में आज के मेडिकल कॉलेज शहडोल में हुये घटनाक्रम एवं कोरोना बीमारी से मुकाबले के संदर्भ में मैं निम्न लिखित मांग करता हूँ कि :

1- मेडिकल कॉलेज शहडोल में आज दिनांक 18 अप्रैल 2021 को 16 मरीजों की मृत्यु के संबंध में उच्च स्तरीय जाँच कराई जावे एवं दोषीजनों के विरुद्ध कार्यवाही की जावे।

2- मेडिकल कॉलेज शहडोल में आज दिनांक 18 अप्रैल 2021 को आक्सीजन की कमी से समस्त मृत हुये व्यक्तियों के उत्तराधिकारियों को पचास-पचास लाख रूपये की क्षतिपूर्ति राशि तत्काल प्रदान की जावे।

3- कोरोना के परीक्षण हेतु पर्याप्त किट, आक्सीजन एवं टीके की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे एवं अनूपपुर जिले में भी इसके परीक्षण हेतु प्रयोगशाला स्थापित की जावे एवं रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जावे ।

4- कोरोना के मरीजों के नाम सार्वजनिक किये जावें जिससे अन्य पास-पड़ोस के लोग उनसे दूरी बनाकर रखे। तथा कोरोना के साधारण मरीजों के उपचार हेतु संस्थागत क्वारंटीन केन्द्र बनाये जावें, जिससे स्वास्थ्य केन्द्रों में गंभीर मरीजों को इलाज सुलभ हो सके। और यदि होम आईसोलेशन मे मरीज को रखा रहा हो तो वहाँ कंटेनमेंट जोन बनाये जायें।

5- कोरोना के टीकाकरण की गति बढाई जावे एवं कोरोना के टीकाकरण हेतु आयु की बाध्यता समाप्त की जावे जिससे समाज का युवावर्ग भी भयमुक्त होकर जीवन निर्वाह कर सके ।

6- कोरोना वारियर्स हेतु बी. एच. एम. एस. चिकित्सकों को भी तत्काल शासकीय सेवा में सम्मिलित करने हेतु आदेश जारी किये जावें एवं प्रयोगशाला बढ़ाये जाने हेतु विगत वर्षों में पैथालाजिस्ट / नर्सिंग का कोर्स पूरा करने वाले छात्रों की सूची उनकी संस्था से प्राप्त कर उन्हे सीधे नियुक्ति प्रदान कर कोरोना से बचाव हेतु उनकी तैनाती की जावे।

7- संस्थागत क्वारंटीन केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों एवं मेडिकल कालेज के कोविड वार्डों में सीसी कैमरे लगवायें जायें एवं उसका नियंत्रण जिले / संभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं संस्था प्रमुख के पास हो ताकि होने वाले इलाज की बेहतर निगरानी की जा सके।

सार्वजनिक कार्यक्रमों, चुनावी रैलियों आदि पर तत्काल रोक लगाई जाकर मानवता की रक्षा की जाये। जब कोरोना के कारण पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव रोके जा सकते हैं परीक्षायें निरस्त की जा सकती हैं तो कम से कम राज्य में स्थितियां सामान्य होने तक उपचुनाव भी रोके जा सकते हैं। एक तरफ सरकार घर मे रहने का संदेश दे रही है तो दूसरी तरफ हजारों शिक्षकों को सुरक्षा कर्मियों को दमोह उपचुनाव में मतदान हेतु बलि चढ़ाया जा रहा है। यह सर्वथा अनुचित है।

इन्ही अपेक्षायें के साथ यह ज्ञापन आपकी ओर सादर प्रस्तुत कर यह विश्वास है कि इन पर अमल किया जावेगा एवं जहाँ भी हमारे सहयोग की आवश्यकता होगी हमें भी अवगत कराया जावेगा।

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