भदौरिया खेल रहा परमिट का खेल, ताबड़तोड़ बसो का जारी परमिट, कौन होगा हादसों का जिम्मेदार?
शहडोल/अनूपपुर
सड़क परिवहन के नियमों को लेकर जिला परिवहन अधिकारी जो कि इन दिनों शहडोल संभाग के अनूपपुर व शहडोल जिले के प्रभारी हैं यातायात व परिवहन नियमों को अपने स्वनिर्मित कानून के किताब से नियमों को ताक में रखते हुए बेबुनियाद वाह गैर जिम्मेदाराना हरकतों से परमानेंट परमिट जोकि ग्वालियर से स्वीकृत होते हैं।उनको अनदेखा करते हुए असंवैधानिक टीपी परमिट रुपयों की लालच में 20:25 मिनट के अंतराल में ताबड़तोड़ बसों के मालिकों को जारी किया जा रहा है।
*सड़कों पर हो रहे हादसे का कारण क्या है?*
कुछ समय पूर्व सीधी में हुए ह्रदय विदारक घटना को मद्देनजर रखते हुए यातायात परिवहन विभाग द्वारा बसों के संचालन को लेकर की गई वैधानिक कार्रवाई को धता बताते हुए पुन: जिला परिवहन अधिकारी यातायात व परिवहन नियमों को दरकिनार करते हुए टीपी परमिट असमय ही जारी करने के लिए तैयार बैठे हुए हैं।
*परमिट नहीं टीपी परमिट पर हो रहा बसों का संचालन।*
यातायात परिवहन नियमों के आधार पर सड़कों में चल रही बसों के संचालन को लेकर वैद्य परमिट जारी किए जाते हैं जिसमें बस अड्डों से लेकर गंतव्य स्थान तक के लिए नियम और कायदे बनाए गए हैं किंतु जिला परिवहन अधिकारी के द्वारा टीपी परमिट पर एक बस की जगह निर्धारित समय पर कई बसों का संचालन कराया जा रहा है जबकि इन बसों का सड़कों पर परिचालन वैद्य नहीं है क्योंकि मात्र उन्हीं बसों का संचालन किया जा सकता है जिनके वैद्य परमिट जारी हुए हैं किंतु इतने बड़े हादसे के बाद भी जिला परिवहन अधिकारी अपनी आंखें मूंद कर कुछ समय के लिए टीपी परमिट जारी कर अपने कमाई का जरिया ढूंढ निकाले हैं।
*कोविड-19 के नियमों की अनदेखी।*
कॉरोना महामारी को लेकर जहां प्रदेश से लेकर जिलों जिलों में शासन प्रशासन नित नए कानून व्यवस्थाओं के साथ नियमों के पालन हेतु दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं।वही इन बस संचालकों के द्वारा कोविड-19 के नियमों का पालन ना कर सरेआम बिना मास्क व सैनिटाइजर के बसों में सवारियों को ठूस ठूस कर भरा जा रहा है,सरकार के द्वारा वाहन भाड़े में वृद्धि नहीं की गई किंतु वाहन के मालिकों के द्वारा गरीब सवारियों से 2 गुना 3 गुना भाड़ा वसूली जारी है।
खुले तौर पर शासन के नियमों की अनदेखी परिवहन विभाग की नजरों के सामने कोविड-19 व भाड़े में वृद्धि कर किए जा रहे अवैध परिवहन पर कार्रवाई न करते हुए अनदेखी की जा रही है।
*फर्स्ट एड बॉक्स महज दिखावा।*
प्राथमिक उपचार को ध्यान में रखते हुए बसों के संचालन के लिए सभी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स दिखता तो है लेकिन इस फर्स्ट एड बॉक्स के अंदर दवाइयों का ढकोसला रहता है वर्षों पुरानी सेफ्टी क्रीम दवाइयां एक्सपायरी होने की कगार पर महज दिखावे के लिए रखे होते हैं उनका उपयोग ना होकर प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था को ठेंगा दिखाने का काम करती है।
अनूपपुर से लेकर रीवा तक चल रही सभी बसों के संचालन करने के लिए जारी की गई वैद्य परमिट की जांच हो तो अधिकाधिक संख्या में अवैध रूप से बसों का संचालन ताबड़तोड़ टीपी परमिट के आधार पर प्रतिदिन दर्जनों से ज्यादा बसें सड़कों पर दौड़ते नजर आएंगी।