*प्राचार्य की गरिमा हुई तार-तार, शिक्षा के मंदिर में पागल हुआ प्राचार्य, गाली गलौच और मारपीट पर उतारू*
छात्रों के अधिकारो पर दादागिरी का चला रहा डंडा, कॉलेज के प्राचार्य का वीडियो सोशल मीडिया में हो रहा वायरल
अनूपपुर
शासकीय तुलसी महाविद्यालय के प्राचार्य की जो वीडियो वायरल हो रही है उस वीडियो की दबंग पब्लिक प्रवक्ता की टीम सच होने की पुष्टि बिल्कुल नही करता ये वीडियो कब का है ये नही मालुम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये वीडियो पुरानी बतायी जा रही है मगर इस वीडियो में अगर सच्चाई है तो ये प्राचार्य के मर्यादा के खिलाफ हैं शिक्षा के मंदिर में इस तरह का घिनोना कृत्य अशोभनीय है। शिक्षा के मंदिर में छात्रों के अधिकारो का दादागिरी से हनन करना कहा तक उचित हैं। छात्रों से मारपीट, गाली गलौच, अपशब्दों का उपयोग करके क्या जताना चाहते हैं जब से ये प्राचार्य तुलसी महाविद्यालय में आये विवादों से इनका चोली दामन का साथ रहा रहता हैं किसी न किसी मामले में हमेशा सुर्खियों में रहना इनकी आदत बन चुकी हैं बात करते करते अपना आपा खो बैठते हैं ऐसे में कॉलेज में छात्रों का भविष्य क्या होगा ये हमको बताने की जरूरत नही है आप सबको वीडियो देखकर पता चल जाएगा।
*ये है मामला*
शासकीय तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के प्रभारी प्राचार्य परमानंद तिवारी और छात्रों के बीच उग्र वार्तालाप का वीडियो इन दिनों शहर में जमकर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है ,जिसको लेकर पूरे जिले भर में जन चर्चा का विषय बना हुआ है । प्राचार्य की हरकत को देखकर लोग स्तब्ध हैं, कि एक अग्रणी कालेज का प्राचार्य छात्रों के साथ किस तरह धक्का-मुक्की करते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। छात्र अपनी बात प्राचार्य के पास रखना चाहते हैं तो प्राचार्य छात्र-छात्राओं को धक्का मारते हुए वीडियो में अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं, जब इस वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाई गई तब पता चला कि यह वायरल वीडियो इसी कॉलेज में हुए जनभागीदारी फीस की वृद्धि के विरोध में छात्रों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का है, जहां पर छात्र फीस में वृद्धि कमी को लेकर अपनी बात रख रहे हैं, लेकिन प्राचार्य द्वारा किसी भी प्रकार की कोई बात नहीं सुनी जा रही बल्कि स्वयं उग्र होते हुए कभी छात्रों को तो कभी छात्र को धक्का मार इधर- उधर भागते हुए वायरल वीडियो में दिखाई पड़ रहे हैं।
*फीस वृद्धि का विरोध*
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार छात्र अपनी जायज मांग को लेकर आंदोलन में बैठे हुए थे,छात्रों का कहना था कि महाविद्यालय आदिवासी अंचल का महाविद्यालय है यहां गरीब तबके के बच्चे पढ़ते हैं शासन की निर्धारित फीस व अदा कर रहे हैं लेकिन प्राचार्य महोदय महाविद्यालय का खजाना भरने व अनाप-शनाप खर्चा करने के लिए स्थानीय जनभागीदारी की फीस में लगातार दोगुनी वृद्धि कर दी गई है ,जो कि छात्रों के साथ अन्याय है वही स्व वित्तीय पाठ्यक्रमों में भी जनभागीदारी की फीस ₹2000 तक की वृद्धि की गई है जो कि बिल्कुल गलत था, फीस वृद्धि का विरोध हम शांतिपूर्वक कर रहे थे।
*शहर में जन चर्चा*
सोशल मीडिया में हो रहे वायरल वीडियो को लेकर शहर में जबरदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है,सूत्रों की मानें तो जिस प्रकार के छात्रों से उग्र होकर बात कर रहे हैं ऐसे प्राचार्य को इस तरह का कृत्य बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। उग्र होते हुए प्राचार्य अपशब्दों तक का इस्तेमाल छात्रों से कर रहे हैं।