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झूठे हलफनामा मामले में कलेक्टर पर हाई कोर्ट ने लगाया 2 लाख का जुर्माना, बेगुनाह 1 वर्ष था जेल में बन्द
शहडोल
हाई कोर्ट जबलपुर ने कलेक्टर शहडोल के ऊपर 2 लाख का जुर्माना लगाया है। कलेक्टर पर आरोप है कि उन्होंने रेत माफियाओं के दबाव के चलते एक बेगुनाह के ऊपर NSA लगाया था। जिसे एक साल तक जेल में बंद रखा गया। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि कलेक्टर के गलत निर्देश के चलते एक बेगुनाह को साल भर जेल में रहना पड़ा इसलिए जुर्माने की राशि सीधे पीड़ित को दी जाएगी।
बताया गया कि शहडोल जिले के ब्योहारी तहसील के सुशांत बैस पिता हीरामणि बैस के खिलाफ शहडोल कलेक्टर ने NSA की कार्यवाही की थी, उनके इस कार्यवाही से उसे 1 साल तक जेल में रहना पड़ा। इस मामले में हाईकोर्ट में कलेक्टर के आदेश को लापरवाही माना है। कोर्ट में मुख्य सचिव से इस मामले में जवाब मांगा है मामला 9 सितंबर 2024 का है।
मामले में जब कोर्ट ने कलेक्टर से जवाब मांगा तब कलेक्टर और अतिरिक्त चीफ सेक्रेटरी ने कोर्ट में गलत जवाब दिया और गुमराह करने की कोशिश की है। यशिका करता के वकील रामेंद्र पाठक ने बताया कि कलेक्टर शहडोल ने रेट ठेकेदारों के दबाव में आकर नियम कानून के धज्जियां उड़ाकर मनमाना आदेश जारी कर दिया पीड़ित को स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया कि उसके खिलाफ कलेक्टर ने NSA की कार्रवाई की है, इसलिए उसे वह सेंट्रल जेल रीवा भेज रहे हैं।
वकील ने बताया कि 23 तारीख को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कलेक्टर और एसपी को तलब किया गया था दोनों कोर्ट में उपस्थित हुए जिसमें कलेक्टर केदार सिंह ने अपनी गलती मानी है। वहीं एसपी के प्रतिवेदन में जी नीरज कांत द्विवेदी का उल्लेख किया गया था उसकी जगह कलेक्टर ने सुशांत बैस के खिलाफ NSA की कार्यवाही कर दी। कोर्ट ने माना कि कलेक्टर ने लापरवाही के चलते यह गलती की है। लेकिन स्टेट अथॉरिटी ने भी बिना वेरीफाई किये मामले को एक्सटेंड कैसे कर दिया। इसके बाद एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने गलत चीजे पेश की कलेक्टर ने भी गलत तथ्य सामने लाये और झूठी जानकारी देकर एफिडेविट पेश किया है।
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एबीवीपी स्कूल का किया घेराव, धर्म समुदाय के छात्रों को आरक्षण व शिक्षा का व्यवसायीकरण का आरोप
अनूपपुर
जिला मुख्यालय अनूपपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने को भारत ज्योति स्कूल का घेराव किया। उन्होंने स्कूल में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर प्राचार्य को एक ज्ञापन सौंपा। एबीवीपी के नगर मंत्री अभिषेक तिवारी ने बताया कि स्कूल में कई गंभीर समस्याएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीई के तहत एक खास धर्म समुदाय के छात्रों को आरक्षण दिया जाता है और शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। अभिषेक तिवारी के अनुसार, स्कूल द्वारा पुस्तकों और यूनिफॉर्म के लिए दुकानें निर्धारित की गई हैं, जहां से कमीशन लिया जाता है।
नगर मंत्री अभिषेक तिवारी ने मांग की कि स्कूल परिसर में मां सरस्वती और भारत माता की प्रतिमा स्थापित की जाए। एबीवीपी का कहना है कि संविधान के अनुसार स्कूल धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि शिक्षा के आधार पर चलना चाहिए, लेकिन भारत ज्योति स्कूल में ईसाई धर्म को बढ़ावा दिया जाता है।
नगर मंत्री ने निजी स्कूल वाहनों में नियमों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। एबीवीपी ने कहा कि वाहनों में क्षमता से अधिक छात्र बिठाए जाते हैं, जिससे किसी भी दुर्घटना की स्थिति में जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होगा।
शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार, स्कूल वाहनों में सीसीटीवी कैमरा, अग्निशामक यंत्र और पीला रंग होना अनिवार्य है, जिनका पालन नहीं हो रहा है। इसके अलावा, छात्रों को तिलक और रक्षासूत्र लगाकर आने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, जबकि ईसाई धर्म से जुड़े सभी त्योहार मनाए जाते हैं और हिंदू धर्म के त्योहारों, जैसे बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं किया जाता।
एबीवीपी ने यह भी बताया कि स्कूल में प्रति वर्ष फीस में अतिरिक्त वृद्धि की जाती है। कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य को सौंपे ज्ञापन में चेतावनी दी कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं किया गया, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी।
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बॉर्डर में पहुंचा एक हाथी, रात को जिले में प्रवेश करने की संभावना, वनविभाग ने किया सभी को सतर्क
अनूपपुर
एक बार फिर छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से मध्यप्रदेश की सीमा में एक दांत वाला एक नर हाथी के प्रवेश करने की संभावना बन रही है, यह हाथी बुधवार की सुबह मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी तहसील के चोलना गांव एवं वन बीट से लगे छत्तीसगढ़ के वन परिक्षेत्र मारवाही अंतर्गत शिवनी बीट के जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहा है, जिसके देर रात अनूपपुर जिले में प्रवेश करने की संभावना को देखते हुए वन विभाग द्वारा हाथी के संभावित विचरण क्षेत्र के ग्रामीणों को देर शाम एवं रात के समय सतर्क एवं सावधान रहने की अपील की है।
एक अकेला एक दांत वाला नर हाथी तीन-चार दिन पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य के कटघोरा वन मंडल अंतर्गत पसान वन परिक्षेत्र से मरवाही वन परिक्षेत्र में पहुंचकर निरंतर विचरण करते हुए मंगलवार के दिन घुसरिया बीट के जंगल में विश्राम करने के बाद, देर रात जंगल से निकल कर घुसरिया,कुम्हारी,पथर्री,घिनौची,जल्दाटोला होते हुए बुधवार की सुबह शिवनी बीट अंतर्गत डडिया गांव से लगे जंगल में पहाड़ के ऊपर पहुंचकर विश्राम कर रहा है, यह क्षेत्र मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत जैतहरी तहसील के वन बीट एवं ग्राम पंचायत चोलना की सीमा से 5 किलोमीटर की दूरी पर है, यह हाथी पहले भी कटघोरा वन मण्डल के पसान से मरवाही हो कर अनूपपुर जिले में प्रवेश कर जैतहरी, अनूपपुर, राजेंद्रग्राम, अहिरगवां,उमरिया के घुनघुटी,शहडोल के शहडोल एवं बुढार के इलाकों में विचरण करते हुए विगत दो माह पूर्व मरवाही से पसान होकर अपने बड़े ग्रुप में जाकर परिवार में रहा है, एक हाथी के आने की संभावना को देखते हुए वनविभाग द्वारा हाथी के संभावित विचरण क्षेत्र के ग्रामीणों को सचेत एवं सतर्क रहने की अपील की है।
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तालाब एवं प्राचीन हनुमान मंदिर ग्रामीणों का है आस्था का केंद्र, नही हो रही साफ-सफाई
शहडोल
जिले के ग्राम पंचायत खन्नौधी स्थित हनुमान तालाब एवं प्राचीन हनुमान मंदिर, जो कि वर्षों से ग्रामवासियों की आस्था का केंद्र रहा है, आज बदहाल स्थिति में पहुंच चुका है। यह तालाब न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोगों की भावनाओं से गहराई से जुड़ा हुआ स्थल है। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षो से तालाब की साफ-सफाई और देखरेख पूरी तरह ठप्प पड़ी हुई है। तालाब के चारों ओर गंदगी, खरपतवार और जलकुंभी की मोटी परत जम चुकी है, जिससे पानी पूरी तरह दूषित और असुलभ हो गया है। स्नान या किसी धार्मिक अनुष्ठान हेतु जल लेने में श्रद्धालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पूजन या क्रिया कर्म के समय तालाब से पानी निकालना अत्यंत जोखिमपूर्ण हो गया है, क्योंकि जलस्तर तक पहुँचने के लिए कोई समुचित सीढ़ी या सुरक्षित मार्ग नहीं है। तालाब के गहरे हिस्सों में अचानक ढलान होने के कारण दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत खन्नौधी के जनप्रतिनिधि एवं पंचायत विभाग द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है,बल्कि ग्राम पंचायत के सामने ही मृत पशुओ को फेंक दिया जाता है जिससे भयंकर गंदगी और बदबू चारो ओर फैला हुआ है, इससे कई बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है! तालाब कि सफाई होने से जलश्रोत कि उत्तम व्यवस्था हो सकती थी,शासन स्तर पर जल स्रोतों के संरक्षण, साफ-सफाई एवं पुनरुद्धार के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं।फ़िरभी आज दिनांक तक किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं गया। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि हनुमान तालाब की तत्काल सफाई, चारों ओर सुरक्षा की दीवार एवं सीढ़ियों का निर्माण कराया जाए, ताकि यह आस्था स्थल पुनः अपनी गरिमा को प्राप्त कर सके।
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अमरकंटक पंचकोसी परिक्रमा यात्रा, आस्था, अध्यात्म और मोक्ष आत्म साधना की दिव्य यात्रा
अनूपपुर
अमरकंटक पर्वतमाला विन्ध्य और सतपुड़ा की संधि-स्थली है, जहाँ से तीन पवित्र नदियाँ नर्मदा, सोन और जोहिला प्रवाहित होती हैं। पुराणों में इसे “तीर्थराज अमरकंटक” कहा गया है। यहाँ भगवान शिव ने नर्मदा जी को वरदान दिया कि वे कलियुग में भी भक्तों को मोक्ष प्रदान करेंगी।इसी दिव्य भूमि के चारों ओर संपन्न होती है यह पंचकोसी परिक्रमा पाँच कोस (लगभग 15–20 किमी) की पावन यात्रा।
“पंचकोसी” का अर्थ केवल पाँच कोस की दूरी नहीं, बल्कि पाँच तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश की साधना है। भक्त जब इस मार्ग पर चलकर प्रत्येक स्थल की वंदना करता है, तो वह अपने भीतर के पाँचों तत्वों को शुद्ध करता है। इस यात्रा से साधक भौतिकता से सूक्ष्मता की ओर, मोह से मोक्ष की ओर, और अहंकार से आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होता है।
स्थानीय ग्रामवासी यात्रियों की सेवा को “माँ की सेवा” मानते हैं — निःस्वार्थ भाव से जल, अन्न और विश्राम की व्यवस्था करते हैं। इस तरह पंचकोसी यात्रा भारतीय सांस्कृतिक एकता का जीवंत उदाहरण बनती है। अमरकंटक पंचकोसी परिक्रमा यात्रा आस्था, अध्यात्म और आत्मसाक्षात्कार का दुर्लभ संगम है। यह हमें सिखाती है कि जीवन की सबसे बड़ी साधना है, प्रकृति, देवता और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करना। माँ नर्मदा के पावन तटों पर यह परिक्रमा हमें उस अनंत सत्य की अनुभूति कराती है कि हम सब उसी ब्रह्म की संतान हैं, जो नर्मदा की धारा की तरह निरंतर बहता है।
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कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ी आस्था का सैलाब, श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में लगाई पुण्य स्नान की डुबकी
अनूपपुर
पवित्र नगरी अमरकंटक में कार्तिक मास की पूर्णिमा के पावन अवसर पर आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। पतित पावनी पुण्यसलिला मां नर्मदा जी के कोटि तीर्थ, कुंड एवं रामघाट में सुबह से ही श्रद्धालुओं, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
भोर की पहली किरण के साथ ही भक्तों द्वारा पुण्य स्नान, पूजन-अर्चन और दीपदान का क्रम प्रारंभ हो गया। श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा उद्गम स्थल परिसर में दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए मन्नत मांगी। घाटों पर दीपों की जगमगाहट और श्रद्धा से भरे स्वर वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर रहे थे। नर्मदा मंदिर में भी भक्तगण भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। दर्शन के लिए श्रद्धालु कतारबद्ध होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा में हैं। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु अमरकंटक पहुंचे हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, भगवान भोलेनाथ और कार्तिकेय देव की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन किया गया स्नान, दर्शन और दीपदान अत्यंत फलदायी और शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा के इस पुण्य पर्व पर अमरकंटक के घाटों, मंदिरों और मार्गों में भक्ति और उत्सव का अद्भुत दृश्य देखने को मिला।
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विश्व हिंदू परिषद का तीन दिवसिय अखिल भारतीय युवा संत चिंतन वर्ग उद्घाटित
अनूपपुर
विश्व हिंदू परिषद का तीन दिवसीय अखिल भारतीय युवा संत चिंतन वर्ग का शुभारंभ अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम में हुआ । इस अवसर पर पूज्य संत नर्मदा नंद बापू जी महाराज विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष माननीय आलोक कुमार एवं संरक्षक माननीय दिनेश चंद्र मंचासीन रहे सर्वप्रथम भगवान श्री राम दरबार एवं भारत माता के चित्रपट पर दीप प्रज्वलित एवं आरती पूजन किया गया एवं आचार पद्धति एवं मंचीय परिचय उपरांत उद्बोधन हुआ कार्यक्रम का संचालन विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री एवं केंद्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी द्वारा किया गया ।
केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार जी ने पूज्य सन्तो का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के 100 वर्ष एवं विश्व हिन्दू परिषद के 60 वर्षों में यह प्रगति हुई जब लोग यह कहते है की हमे गर्व है कि हम हिन्दू है और देश भक्त हिन्दू , जागरूक हिन्दू , स्वाभिमानी हिन्दू खड़ा हो रहा है । पहले अपने को हिन्दू कहना कठिन लगता था उसके प्रति आदर नही होता था , कुछ लोगों का कहना था कि सभी धर्म एक जैसे है अगर ऐसा होता तो हिंदुओं में भी आतंकवादी पैदा होते । सभीका अपने संचित करमू के अनुसार जन्म हुआ है । जब राम मंदिर का आंदोलन हुआ तब कार सेवकों ने अपने खून से राम लिखा था , मन्दिर निर्माण के लिए 40 दिन में देश के 65 करोड़ लोगों ने उम्मीद से ज्यादा धन एकत्र किया । हिंदुत्व का गौरव बढ़ा है अब कोई हिंदुत्व की अवहेलना नहीं कर सकता । हमे अपने बच्चों को हिन्दू जीवन मूल्यों के विषय मे बतलाना आवश्यक हो गया है । धर्मांतरण का विष फैलता जा रहा है इसे रोकना होगा यह समस्या गहरी है इसके निदान के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने 850 गांव चुने है जहाँ धर्मांतरण की जड़े फैलती जा रही हैं वहां सब मिलकर प्रयत्न करेंगे तो धर्मांतरण रोकने एवं गांव गांव घर वापसी करने वाले लोग मिलेंगे ।
पूज्य संत नर्मदा नंद बापू महाराज ने सन्तो का आव्हान करते हुए कहा कि हमारा सनातन समाज एकत्रित रहे इसके लिए सभी युवा संत एकत्र हुए है , देश मे बढ़ रहे इसाईकरण एवं इस्लामीकरण को रोकना और धर्मान्तरित लोगों को वापस लाना इसका प्रयास सबको मिलकर करना है । पूज्य संतों ने आव्हान करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार आधारित शिक्षा स्थापित करने की भूमिका पूज्य सन्तो को निभाना पड़ेगा एवं समाज मे दायित्व बोध के साथ कर्तव्य बोध जाग्रत करना पड़ेगा क्योकि ईश्वर ने विश्व कल्याण के लिये हमें दायित्व दिया है तभी भारत वैचारिक रूप से मजबूत होकर खड़ा होगा , । जिस प्रकार शरीर को मजबूत बनाने के लिए रीढ़ का मजबूत होना आवश्यक है उसी प्रकार अगर विश्व का कल्याण करना है तो भारत को मजबूत बनाना होगा , भारत तभी मजबूत होगा जब भारत की परंपरा मजबूत होगी।
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सप्त दिवसीय पंचकोशी मेंकल धाम परिक्रमा नर्मदा उद्गम स्थल से पूजन-अर्चन के साथ प्रारंभ
अनूपपुर
कार्तिक मास की पूर्णिमा के पावन अवसर पर पवित्र नगरी अमरकंटक स्थित पतित पावनी मां नर्मदा जी के उद्गम स्थल कुंड से सप्त दिवसीय पंचकोशी मैंकल धाम परिक्रमा यात्रा का शुभारंभ बुधवार, 5 नवंबर 2025 को धार्मिक विधि-विधान, पूजन-अर्चन एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। इस अवसर पर तपस्वी संत 1008 भगवान दास महाराज के संयोजकत्व एवं नेतृत्व में हजारों की संख्या में भक्त, श्रद्धालु, अनुयायी और समर्थक सम्मिलित हुए। परिक्रमा यात्रा का आयोजन पंचकोशी मां नर्मदा मैकल परिक्रमा समिति, अमरकंटक के तत्वावधान में किया जा रहा है। यह सप्त दिवसीय पवित्र परिक्रमा परमहंस संत 1008 सीताराम महाराज के संरक्षण एवं आशीर्वाद में प्रारंभ की गई। यात्रा संयोजक तपस्वी संत 1008 बाबा भगवान दास जी महाराज (गणेश धुना आश्रम, अमरकंटक) हैं।
पंचकोशी मैंकल परिक्रमा का यह धार्मिक आयोजन अमरकंटक धाम की दिव्यता और माँ नर्मदा के आशीष से ओत-प्रोत रहा। यह पवित्र परिक्रमा पांच कोस (लगभग 20 किमी) की दूरी को सप्त दिवस में पूर्ण करेगी। यात्रा 5 नवंबर (कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, अश्विनी नक्षत्र) से प्रारंभ होकर 11 नवंबर (अगहन कृष्ण पक्ष सप्तमी, पुख नक्षत्र) को गणेश धुना आश्रम में हवन, पूजन-अर्चन और विशाल भंडारे के साथ संपन्न होगी। इस दिव्य यात्रा में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु शामिल हुए हैं।
समाचार 09
गुरुनानक जयंती पर भक्ति और सेवा, संगम होगा भव्य आयोजन
अनूपपुर
सतगुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, जमुना कॉलरी में इस वर्ष भी श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिलेगा। गुरुनानक देव जी की जयंती 9 नवम्बर, दिन रविवार को बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जाएगी। इस पावन अवसर पर 7 नवम्बर दिन शुक्रवार से पाठ कीर्तन का शुभारंभ होगा, जिसका समापन 9 नवम्बर दिन रविवार को गुरु के लंगर के साथ किया जाएगा। संगत के लिए विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया है जिसमें भाई हरमनजीत सिंह जी अमृतसर वाले अपनी मधुर वाणी में गुरुबाणी कीर्तन द्वारा वातावरण को भक्ति और आनंद से भर देंगे
इस अवसर पर भक्त सुखविंदर सिंह निवासी जमुना कॉलरी ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे बड़ी संख्या में पहुँचकर गुरुनानक देव जी के पावन प्रकाश पर्व का पूर्ण लाभ लें और गुरु का लंगर ग्रहण कर आशीर्वाद प्राप्त करें।
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राहवीरो ने 7 युवाओं ने सड़क दुर्घटना में दी नई ज़िंदगी
अनूपपुर
जिले के सात युवाओं ने सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है। ये सभी युवा “राहवीर” बनकर आगे आए* और संकट की घड़ी में घायलों को अस्पताल पहुँचाकर उनका अमूल्य जीवन बचाया। पुलिस अधीक्षक अनूपपुर मोती उर रहमान के निर्देश पर इन सभी राहवीरों के प्रकरण तैयार कर पुरस्कार हेतु भेजे गए हैं। पुलिस अधीक्षक का संदेश है कि "जो बचाए जान, उन्हें मिले सम्मान ”ताकि अधिक से अधिक लोग भी इस मानवीय कार्य के लिए प्रेरित हों। ये युवा बने राहवीर महेंद्र, निवासी अनूपपुर, रामाधार रजक, निवासी पसला, प्रफुल्ल प्रजापति, निवासी सिलपुर कोतमा, अनिकेत कुमार, निवासी कोतमा, सुदर्शन प्रसाद लोनी, निवासी कोतमा, राहुल सोनी, निवासी बिजली ऑफिस के पास, कोतमा, गजेंद्र कुमार मिश्रा, निवासी फुलकोना, रामनगर।

