दबंग पब्लिक प्रवक्ता

भाजपा ने IGNTU में भ्रष्टाचार व कार्यपरिषद का दुरूपयोग की एसआईटी जाँच की माँग

*कुलपति सहित पाँच प्रोफसरों ने विश्वविद्यालय पर का लिया है कब्ज़ा*


अनुपपुर

अनूपपुर स्थित राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा जनजातीय समाज के विरुद्ध कार्य, मध्यप्रदेश एवं अनूपपुर जिले की उपेक्षा, विश्वविद्यालय की नियुक्ति में भारी भ्रष्टाचार, क्षेत्रवाद, जातिवाद तथा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता, पाकिस्तान बॉर्डर इलाके से बड़े पैमाने पर आतंकी गतिविधियों के स्लीपर सेल, छात्रों को गांजा, अफीम, हेरोइन, चरस के नशे, गैरचारित्रिक व्यापार में छात्रों को लिप्त कराने में सामूहिक सफेदपोश अपराध में संलिप्त कुलपति प्रो प्रकाशमणि त्रिपाठी तथा अन्य पाँच प्रोफेसर के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर एसआईटी जाँच हेतु अतिआवश्यक ज्ञापन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री को भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने ईमेल से सौपा है। 

*कुलपति सहित पाँच प्रोफसरों ने विश्वविद्यालय पर का लिया है कब्ज़ा*

भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने बताया की भ्रष्टाचार करके अवैध धनलाभ अर्जित करने शैक्षणिक पदों में विश्वविद्यालय एक्ट का जानबूझकर पालन न करने, घुसखोरी करके अवैध भर्ती करने, बिल्डिंग घोटाला, अनेक टेंडर में घोटाला सहित भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के साक्ष्य है, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा समय-समय पर अनेक ऑफिस ऑर्डर तथा निर्देश जारी किए गए हैं। जिसमें कुलपति या अन्य अधिकारी के कार्यकाल समाप्त होने के दो माह पहले या तीन माह पहले भर्ती प्रक्रिया पर पूर्णत रोक लग जाती है, और यह निर्देश इस विश्वविद्यालय पर भी लागू है। भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आदेश के कुछ संदर्भ इसप्रकार हैं:- (1) एफ.सं.वी. 11014 / 11/04-सीडीएन, भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग (सीडीएन अनुभाग) नई दिल्ली, 19 जुलाई, 2004 तथा (2) एफ.सं.26-02/2013/डेस्क यू भारत सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्च शिक्षा विभाग केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रभाग शास्त्री भवन, नई दिल्ली, दिनांक 16 अगस्त 2013, (3) फाइल संख्या सी-34013/16/2015-सतर्कता मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्च शिक्षा विभाग सतर्कता अनुभाग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली, दिनांक 13.08.2015 उक्त तीनों संदर्भ में स्पष्ट निर्देश है कि 2 महीना कार्यकाल बचा रहे तो किसी प्रकार की भर्ती कुलपति नहीं कर सकते हैं लेकिन कुलपति के कार्यकाल खत्म होने में महज 15 दिन बचा है और भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के आदेश / निर्देश के विरुद्ध कुलपति भ्रष्टाचारपूर्वक  लगातार भर्ती कर रहे हैं।  

*पंद्रह से बीस लाख में नॉन-टीचिंग के सभी पद भर्ती से पहले ही बिक गए है* 

भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने बताया की भर्ती में कैसे भ्रष्टाचार हो रहा है उसका स्वमेव प्रमाणित साक्ष्य है, जाँच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टास्क फोर्स (एसआईटी) गठित करने से सब प्रमाणित हो जायेगा। दिनांक 20 नवंबर 20 24 को नॉन-टीचिंग के विभिन्न पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई है, अत्यंत दुर्भाग्य का विषय है कि अनूपपुर में परीक्षा केंद्र नहीं रखा गया तथा षड्यंत्र करके विश्वविद्यालय में भी परीक्षा केंद्र नहीं रखा गया।  पूरे मध्य प्रदेश में परीक्षा केंद्र नहीं रखा गया। जानबूझकर रायपुर और बिलासपुर के अत्यंत प्राइवेट कोचिंग संस्थान या निजी घर और कमरों में परीक्षा केंद्र को रखा गया है। लिखित परीक्षा का आयोजन अपने आप में भ्रष्टाचार को स्वमेव प्रमाणित करता है इसमें किसी जांच करने की आवश्यकता नहीं है। दिनांक 18 नवंबर 2024 को दोपहर सायं काल में आरडीआईएसएल से टेक्स्ट मैसेज उम्मीदवारों को भेजा गया तथा विभिन्न पदों के लिए एडमिट कार्ड को डाउनलोड करने के लिए वेबसाइट पर जाने का निर्देश दिए जब उम्मीदवारों को 18 -19 नवंबर 2024 को एडमिट कार्ड मिला, ठीक एक दिन के अंतराल में दिनांक 20 नवंबर 2024 को लिखित परीक्षा रखा गया है।  मात्र एक दिन से कम समय में भिंड, मुरैना, उज्जैन, राजगढ़, खंडवा तथा मध्य प्रदेश के अन्य इलाकों या भारत के दूरदराज क्षेत्र के उम्मीदवार का पहुँचाना संभव नहीं था, भ्रष्टाचार से ग्रसित प्रत्येक पदको बेचकर घुसखोरी करके एक दिन के अंतराल में दिनांक 20 नवंबर 2024 को लिखित परीक्षा रखा गया है। निश्चित ही मध्य प्रदेश या दक्षिण भारत सहित नार्थ ईस्ट के उम्मीदवार परीक्षा स्थल पर बिलासपुर और रायपुर नहीं पहुंच पाएंगे और इस प्रकार से छात्रों को परीक्षा में बैठने से वंचित करने का यह साजिश स्वमेव प्रमाणित होता है।

*कुलपति के क्षेत्र देवरिया, संत कबीर नगर, बस्ती, जौनपुर से उम्मीदवार पहले ही रायपुर और बिलासपुर पहुँच गए है*

भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने बताया की सब कुछ पहले से फिक्सिंग है ।सवालिया निशान यह है कि यह सभी नॉन टीचिंग के पद लगभग पिछले चार-पांच वर्षों से खाली पड़े थे, कुलपति अपने कार्यकाल समाप्त होने के ठीक दो सप्ताह पहले इन सभी परमानेंट पदों पर भर्ती क्यों कर रहे हैं? और इतने दिनों तक क्यों नहीं किया?  इसके लिए फाइल की प्रोसेसिंग और अप्रूवल में कुलपति के अतिरिक्त तीन अधिकारियों की अपराधिक भूमिका सम्मिलित है, इसके बाद इस फर्म के लोगों से पहले ही क्वेश्चन पेपर आउट कर लिया गया और जिन कैंडिडेट से कुलपति ने कथित रूप से आर्थिक धनलाभ लिया उन सभी को पहले ही क्वेश्चन पेपर की तैयारी करा दी गई है।  

*अपने परिचित के प्रायवेट फर्म को कुलपति ने दिया परीक्षा कराने का टेंडर*

भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने बताया की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस संस्था को नॉन टीचिंग पदों पर भर्ती करने के लिए लिखित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई है वह एक साधरण प्रायवेट फर्म है, उसका नाम है -आर डी इंस्टीट्यूट ऑफ सिस्टमैटिक लर्निंग, अगस्तकुंडा, जो कुलपति का पुराना परिचित है, एक साधारण प्रोपराइटरशिप प्राइवेट फर्म जिसने किसी भी बीएचयु, डीयु, जेएनयु केंद्रीय विश्वविद्यालय का आज तक कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट नहीं कराया है, इस प्राइवेट संस्था के मालिक को गैरकानूनी रूप से चोरी-चोरी भ्रष्टाचारपूर्वक टेंडर दिया गया।  नॉन-टीचिंग का पद जिन्हें बेचा गया है उनमें से अधिकांश समाजवादी है और दो कार्यपरिषद के सदस्य तथा पाँच प्रोफ़ेसर मिलकर इस अपराध को अंजाम दिए है, सभी आरोपी संयुक्त रूप से कुलपति के इशारे पर घुसखोरी की रकम की आपस में बंदरबांट कर लिए है, जो कैंडिडेट पहले से फिक्स थे उन्हें 15 दिन पहले ही प्रश्नपत्र देकर तैयारी करा दी गई है। नॉन टीचिंग के पद पर भर्ती के लिए जिन परीक्षा केन्द्रों पर लिखित परीक्षा आयोजित की गई है वे सभी पूर्ण प्राइवेट संस्थान है, जैसे- एंट्रेंस कॉर्नर, अलका एवेन्यू नियर उसलापुर; ईसिटी सेंटर- सूर्य हॉस्पिटल, बिलासपुर, कलिंगा प्राइवेट यूनिवर्सिटी रायपुर इत्यादि। इसप्रकार से केवल प्राइवेट संस्थानों को लिखित परीक्षा कराने के लिए चुना गया है, ऑब्जर्वर कुलपति के पसंद का वही व्यक्ति है जो भ्रष्टाचार और लेनदेन में सम्मिलित है, इसप्रकार पांच प्रोफेसर और कुलपति ने मिलकर पूरा भ्रष्टाचार और आपराधिक षडयंत्र रचकर मध्य प्रदेश और अनुपपुर जिला के लोंगो के साथ अपराध किया है। 

भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह ने बताया की विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद (जिसमें अधिकांश फर्जी रूप से नामित किये गए है) को तत्काल प्रभाव से भंग करने, विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद के अध्यक्ष प्रो श्रीप्रकाशमणि त्रिपाठी तथा फर्जी रूप से कार्यपरिषद में नामित तथा फर्जी निर्णय कराने में सहमति देने वाले अन्य सदस्यों पर भ्रष्टाचार तथा संज्ञेय अपराध का मामला पंजीबद्ध कर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) से इसकी जांच करवाने कार्यपरिषद की संवैधानिक शक्ति का गैरकानूनी एवं भ्रष्ट कार्यों के लिए दुरुपयोग करके कुलपति फर्जी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं, अतः 15 दिन अर्थात 05 दिसंबर 2024 तक कार्यपरिषद की बैठक पर रोक लगाने की माँग की गई है।

तेंदुआ ने किसान पर हमला कर किया घायल, तीन मवेशियों के भी किया शिकार

*ग्रामीणों में दहशत का माहौल, वन विभाग ने किया एलर्ट*


शहडोल 

जिले के ब्यौहारी पश्चिम वन परिक्षेत्र अंतर्गत तिखवा जंगल में तेंदुआ ने एक किसान पर हमला किया है। इसके अलावा तेंदुआ ने तीन मवेशियों का भी शिकार किया है। घटना के बाद वन विभाग ने प्रभावित क्षेत्र में अलर्ट जारी किया है। तिखवा निवासी लाला यादव खेत से काम करके घर लौट रहा था तभी उस पर तेंदुए ने हमला कर दिया। हमले में वो बुरी तरह से घायल हो गया है और उसे उपचार के लिए ब्यौहारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसान की हालत स्थिर है।

*तीन दिन से घूम रहा है तेंदुआ*

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि तिखवा के जंगल में पिछले तीन दिनों से कई तेंदुए घूम रहे हैं। इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई है। वन विभाग के अधिकारी लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं। गांव के आसपास तेंदुए के घूमने से ग्रामीणों में दशहत का माहौल है। इसी क्षेत्र से जुड़े हुए गांव में जंगली हाथियों के झुंड से लोग परेशान थे अब तेंदुए का आतंक बन गया है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार जंगली हाथियों का मुमेट पिछले 15 दिनों से आसपास के गांव में है, और कई बोरियां धान भी जंगली हाथियों ने खा ली है, लेकिन वन विभाग कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा है जिससे लोगों में काफी गुस्सा है।

*जवाबदार अधिकारी ट्रेनिंग में*

ब्यौहारी क्षेत्र अंतर्गत अधिकांश जवाबदार अधिकारी ट्रेनिंग के लिए जिले से बाहर हैं। इस कारण मैदानी स्तर पर कर्मचारियों द्वारा लापरवाही की भी बात सामने आ रही है। एसडीओ, रेंजर समेत अन्य अधिकारी इन दिनों ट्रेनिंग में बैंगलोर गए हुए हैं।

*सख्ती से गश्त करवा रहे*

एसडीओ रेशम सिंह ने बताया कि बफर जोन से निकलकर तेंदुए इधर आ रहे हैं। प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों को जंगलों की ओर जाने से रोका जा रहा है। घायल किसान को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत स्थिर है।

परिणयसूत्र बंधन शक्ति उपासना का पर्व - परम पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज

*श्रीराम कथा में दिया प्रेम, संतुष्टि, समर्पण का संदेश*


अनूपपुर

श्रीराम कथा आयोज‌न समिति अनूपपुर द्वारा जिला मुख्यालय में आयोजित परमपूज्य प्रेमभूषण महाराज ने श्रीराम कथा में प्रेम , संतुष्टि और ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण का संदेश देते हुए कहा कि रोने वाले पर कोई कृपा नहीं करता।‌ इसलिए जो प्राप्त है, उससे संतुष्ट रहना चाहिए। ईश्वर से जो मिला है उससे प्रसन्न रहो।

भक्त अपने भगवान को पूर्ण समर्पण , पूरे विश्वास से पकड़े रहते हैं। भगवान के आसरे रहते हैं। लेकिन आवश्यक है कि भगवान के निर्दिष्ट आचरण का पालन किया जाए। परमपूज्य जी ने कथा में कहा कि मन, वाणी और कार्य से जो भगवान की सेवा करते हैं , भगवान उनका विशेष ध्यान रखते हैं । भगवान से आभाव का रोना मत रोईये और मांग मत करिये । जो प्राप्त है ,उसे भगवान जी कृपा समझ स्वीकार करें और भगवान जी के लिये आभारी रहें। जितने भगवान के भगत हुए, वो संतुष्ट और प्रसन्न थे। उन्होंने कभी नहीं मांगा। जो हर पल प्रसन्न रहता है, प्रभू उससे बहुत खुश रहते हैं।

ताडकासुर की कथा का व्याख्यान करते हुए प्रेमभूषण जी ने कहा कि तारक नाम का असुर था। तारक मतलब बीमारी । देवताओं को बहुत कष्ट देता था। ब्रम्हा जी से वर मांगा कि शिव के तेज से उत्पन्न पुत्र ही मुझे मार सके। शिव जी तप में लीन हैं। ताडकासुर देवताओं को त्रास देने लगा। देवता ब्रम्हा जी के पास गये। उन्होंने शिव जी को तपस्या से जगाने को कहा‌।

कामदेव बसंत ऋतु मे अपनी अप्सराओं को लेकर शिव जी के पास पहुंच गये।कामदेव की माया से पूरी सृष्टि उनके वशीभूत हो गयी।भगवान शिव पर कामनाओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। जहाँ राम ,वहाँ काम का असर नहीं होता। तब कामदेव ने पुष्प के धनुष पर पंचबाण शिव पर छोड़ दिया। तपस्या भंग होते ही शिव की दृष्टि खुलते ही कामदेव जल कर राख हो गये। रति जी शिव की शरण में पहुंची। शिव - आपका पति सबको व्यापेगा। तब से कामदेव का वास रक्त में है। शिव जी ने रति को कहा कि द्वापर युग मे प्रद्युम्न आपको पति रुप में प्राप्त होंगे।

देवतागण भगवान शिव की शरण में पहुंचे । मनुष्य के स्वार्थ में उसका परमार्थ विलीन हो जाता है। भगवान शिव ने पूछा -- आप लोग किस उद्देश्य से आए हैं ।सुख में जाएं या ना जाएं। लेकिन दुख में जरुर उपस्थित रहें। ताडकासुर से त्रास पाकर देवता शिव की शरण में पहुंचे । परमपूज्य जी ने विवाह अद्भुत संस्था है बतलाते हुए कहा कि इसे परिणय सूत्र बंधन  कहा जाता है। विवाह, शादी हमारे शब्द नहीं हैं।

परिणय सूत्र बंधन हमारा संस्कार है।यह पवित्र संबंध है। जिससे पूरी सृष्टि चलती है। पवित्र तंतु संबंध,अपनी संस्कृति में यह शक्ति उपासना का पर्व है। संस्कार प्रेम को बांधता है। यह लोगों को जोडता है। ब्रम्हा जी शिव जी से कहते हैं कि आपका मंगल परिणय महोत्सव चाहते हैं । आपने प्रभू जी को आश्वासन दिया है।वैशाख शुक्ल पक्ष पंचमी दिन गुरुवार को विवाह का मुहूर्त निकाला गया। 

भगवान विष्णु, ब्रम्हा जी, दिक्पाल, देवता बाराती बने। नंदी पर सवार शिव जी दूल्हा बन कर चले। शिव जी ने गणों को आह्वान कर दिया। दसों दिशाओं में संदेश फैल गया । जितने गण ,उतने गण। नाचते ,गाते गण बाराती चले। मुख सबके लंबे - लंबे हैं। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने अपील की कि सार्वजनिक कार्यों में व्यक्तिगत आक्षेपण, कटु वचन नहीं बोलना चाहिए । विवाद , झंझट, मन खराब करने वाला वचन ना बोलें। मौन रहें, छेड़े नहीं । प्रेम में रहें। बच्चों को निडर बनाओ। बेटी को कराटे सिखाओ। मजबूत बनाओ। 30-40 साल के जवान सीधे बैठें और सीधा बैठें। शिवाजी, छत्रपति, वीर दुर्गादास, माता अहिल्याबाई जैसा वीर , शक्तिशाली बनो । वीर भाव रखो।

श्रीराम जी की पूजा ही मत करो। श्री राम जी को बूझने और जूझने की जरुरत है।पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। कायरता , कमजोरी की कोई जगह नहीं है। संस्कार परिणयोत्सव का महत्वपूर्ण तत्व विषय है।

अपनी गृहस्थी दुनिया की श्रेष्ठतम गृहस्थी है। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ निकला है। छग के एक पूर्व मंत्री की सराहना करते हुए महाराज जी ने कहा कि उनकी पत्नी की दृष्टि में समस्या होने पर भी वो पूर्ण भाव से सेवा करते हैं। गृहस्थी में प्रेम , समर्पण, विश्वास बनाए रखना चाहिए । जो नसीब में है , जरुर मिलेगा।

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